जागेश्वरनाथ धाम – 300 वर्ष पुराना है यह दिव्य मंदिर, मनोकामना होती हैं पूरी

-

वैसे भगवान शिव के बहुत से मंदिर हमारे देश में हैं। इनमें से कुछ मंदिर अपनी प्राचीनता या ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध भी हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं। जो न सिर्फ प्राचीन है बल्कि एक ऐतिहासिक मंदिर भी है। इस मंदिर का नाम “जागेश्वरनाथ धाम” है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बुंदेलखंड के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है। इस स्थान पर वैसे तो वर्षभर भक्त लोग आते रहते हैं लेकिन सावन माह तथा महाशिवरात्रि पर्व पर यहां लोगों का मेला लगा रहता है। आपको बता दें की जागेश्वरनाथ धाम में जो शिवलिंग है। वह स्वयंभू है। यह शिवलिंग तथा इसके साथ देवी सती की प्रतिमा भूमि से स्वयं भी निकले थे। मान्यता है की इस मंदिर में भगवान शिव सदैव जाग्रत अवस्था में रहते हैं इसलिए ही इस मंदिर को जागेश्वरनाथ धाम के नाम से जाना जाता है।

जागेश्वरनाथ धामImage source:

इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है की जागेश्वरनाथ धाम के गर्भगृह में स्थित पिंडी समय के साथ बढ़ती चली जा रही है। इसके अलावा यहां पर मांगी गई दुआ हमेशा पूरी होती आई है। यहां पर अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए लोग मंदिर के पीछे वाली दीवार पर हल्दी के हाथ लगाते हैं। जब उनकी मनोकामना की पूर्ति हो जाती है तो इन लोगों को अपने हाथ वापस लेने होते हैं। आपको बता दें की जागेश्वरनाथ धाम का निर्माण 1711 में बालाजी राव चांदोरकर ने कराया था। मंदिर के परिसर में यज्ञ मंडप, विवाह मंडप तथा अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी बने हुए हैं। सावन के माह में यहां मेला लगता है। लोगों की मान्यता है की सावन माह में जागेश्वरनाथ धाम में पूजन करने का विशेष महात्मय है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments