पांच दोस्तों ने शुरू किया था रोटी बैंक, बड़ी संख्या में रोटी पाते हैं गरीब

0
824
रोटी बैंक

पांच दोस्तों ने सभी के लिए एक मिसाल कायम की है। इनके बनाये रोटी बैंक से आज बड़ी संख्या में गरीब लोगों का पेट भरा जाता है। आज हम आपको इन पांच लोगों के बारे में ही बता रहें हैं। सबसे पहले आपको बता दने की ये पाँचों लोग मध्य प्रदेश के विलासपुर शहर के व्यापारी हैं। इन पांचों की दुकाने भी पास पास ही हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा से दूर ये पांचों एक दूसरे के गहरे दोस्त हैं। इन लोगों ने एक रोटी बैंक को स्थापित किया और उससे आज बड़ी संख्या में गरीब लोग रोटी पाते हैं। पांचों लोग शहर के अस्पताल में जाकर गरीब लोगों से मुलाक़ात करते हैं तथा उनके लिए भोजन मुहैया कराते हैं। इसके अलावा ये लोग गरीब लोगों को उनकी जरुरत की कई चीजें भी देते हैं।

अस्पताल जाकर भी गरीबों को कराते हैं भोजन –

अस्पताल जाकर भी गरीबों को कराते हैं भोजनImage source:

रोटी बैंक चलाने वाले ये पांच लोग अभिषेक मिश्रा, नवीन कोठुरवार, प्रवीण कोचर, राजेश चंदवानी तथा राज साधवानी हैं। इन लोगों की दोस्ती की शुरुआत आज से 15 वर्ष पहले हुई थी। आज इन सभी का अपना अपना व्यापार है। सभी लोग एक दूसरे का सहयोग करते हैं तथा साथ में सामजिक सेवा का कार्य भी करते हैं। इन पांच लोगों की दोस्ती आज मिसाल बनी हुई है। अस्पतालों में गरीब लोगों की समस्या को देखते हुए इन पांच लोगों में से पंकज असरानी तथा अजय सिंदवानी ने नई शुरुआत की और गरीब लोगों की समस्याओं को दूर करने का कार्य शुरू किया। इस कार्य के लिए इन पाँचों ने स्वतंत्रता दिवस 2015 को संपल्प लिया तथा अगले दिन 16 अगस्त 2015 को गरीब लोगों के लिए एक रोटी बैंक स्थापित किया। इसके बाद ये लोग जिला अस्पताल तथा सिम्स में जाकर गरीब लोगों को भोजन वितरण करने लगें। प्रवीण कोचर बताते हैं की हम सभी जब रोटी बैंक बनाकर भोजन वितरण का कार्य शुरू किया तो शुरुआत में 20 से 25 रोटियां हम लोग बांटते थे। अब इनकी संख्या बढ़ कर 160 से 200 तक पहुंच चुकी है।

125 सदस्य बन चुके हैं रोटी बैंक के –

125 सदस्य बन चुके हैं रोटी बैंक केImage source:

आपको हम बता दें की इस कार्य के शुरू होने के बाद पांचों दोस्तों से समाज के अलग अलग लोग भी जुड़े। इस प्रकार रोटी बैंक के सदस्य लोगों की संख्या बढ़ने लगी। इस बैंक के प्रत्येक सदस्य से 100 रुपये प्रति महीना के हिसाब से लिए जाते हैं। आज रोटी बैंक के सदस्यों की संख्या 125 हो चुकी है और गरीब लोगों को भोजन खिलाने का कार्य निरंतर चल रहा है। इस प्रकार से ये पांच लोग और इनके द्वारा शुरू किया रोटी बैंक आज समाज में एक मिसाल बन चुका है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here