इस मंदिर में बकरों की जगह इंसानों की चढ़ाई जाती हैं बलि

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आपने अभी तक कई ऐसे मंदिरों के बारे में देखा और सुना होगा, जहां पर जानवरों की बलि चढ़ती है, लेकिन आज की यह खबर इससे जरा हटकर है, दरअसल झारखंड में छिन्नमस्तिका मंदिर में एक बकरे की नहीं, बल्कि एक आदमी ने अपना सिर खुद ही रेत लिया, जिसके बाद पूरे मंदिर में खून ही खून हो गया।

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जानकारी के मुताबिक इस व्यक्ति का नाम संजय नट बताया जा रहा है, इसकी उम्र 45 साल की थी। वह एक सीआरपीएफ जवान था, जो कि बक्सर में रहता था। लोगों के मुताबिक वह ऐसी कटारी लेकर आया था, जैसी मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में लगी हुई है। जहां एक तरफ श्रद्धालू दूर-दूर से माता की पूजा अर्चना करने आए थे, वहीं दूसरी तरफ संजय एक कपड़े में कटारी लपेट कर मंदिर में आ गया और मंदिर में पूजा करने के बाद वह वहां से निकल गया। मंदिर की कम से कम 11 बार परिक्रमा करके संजय मेन गेट में पहुंच गया और वहां पर उसने अपने गले को रेत दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद मंदिर के पुजारियों ने मंदिर का गेट बंद कर दिया और पुलिस को इस घटना की सूचना दी। पुलिस ने फिलहाल लाश को मंदिर से बाहर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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आपको बता दें कि यह मंदिर एक शक्तिपीठ है, जहां पर रोजाना कम से कम 300 से 500 बकरों की बलि चढ़ाई जाती थी। यह इस मंदिर की पुरानी परंपरा है, जो कि वर्षों से चली आ रही है। संजय ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया इस बात का तो अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन जल्द ही इस बात का खुलासा हो जाएगा। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रहीं है।

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