21 वर्षों से धरने पर बैठे मास्टर जी का नाम हुआ लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज

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भारत में अपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो अपनी किसी मांग को लेकर धरने पर बैठ जाते हैं, पर आज हम जिस व्यक्ति से आपको मिला रहें हैं, वह पिछले 21 वर्ष से लगातार एक जगह ही धरने पर बैठा हुआ है और इस कारण उसका नाम लिम्का बुक में दर्ज होने के साथ कई अन्य रिकॉर्ड भी इसके नाम पर बन चुके हैं। जी हां, आज हम आपको जिस व्यक्ति से मिलवा रहें हैं, वह 21 सालों से लगातर एक ही स्थान पर बैठा हुआ है और अपनी मांग को लेकर धरना दे रहा है, तो आइए जानते हैं इस व्यक्ति के बारे में।

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21 साल से धरने पर बैठने वाले इस व्यक्ति का नाम “मास्टर विजय सिंह” है और इन्होंने 26 फरवरी 1996 से अपने धरने की शुरुआत डीएम कंपाउंड से की थी जो की आज भी अनवरत जारी है। मास्टर साहब उत्तर प्रदेश की कैराना तहसील के चौसाना नामक गांव के रहने वाले हैं। आपको हम यहां यह भी बता दें कि मास्टर साहब अपनी किसी निजी मांग को लेकर धरने पर नहीं बैठे हैं, बल्कि वह सरकारी जमीन को भूमाफियों से छुड़ाने के लिए धरने पर बैठे हुए हैं। मास्टर साहब की इस पहल द्वारा अब तक करीब 300 बीघा से ज्यादा जमीन भूमाफियों से छुड़ा ली गई है, पर मास्टर साहब का उद्देश्य 4 हजार बीघा जमीन को मुक्त कराने का है। मास्टर साहब की इस पहले के बाद में उन पर कई प्रकार की परेशानियां भी आई हैं, वह बताते हैं कि मुझे मारने के लिए अब तक कई बार हमला हो चुका है तथा इस आंदोलन के दौरान मेरे एक साथी की हत्या भी कर दी गई है।

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आपको हम यह भी बता दें कि मास्टर साहब के द्वारा जारी गरीब लोगों की मदद तथा भ्रष्टाचार के विरूद्ध इस लड़ाई में मास्टर साहब का परिवार भी पीछे छूट चुका है और उनको अपनी सरकारी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है। आज भी मास्टर साहब का डेरा कलेक्ट्रेट ऑफिस परिसर में लगा हुआ है और वे वहीं पर खाना खाते हैं तथा वहीं पर रात को सोते हैं। मास्टर साहब द्वारा किए गए इतने लंबे धरने के कारण उनका नाम “लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड” में भी शामिल किया गया है तथा इंडिया बुक एवं एशिया बुक में भी मास्टर विजय का नाम शामिल हो चुका है। मास्टर विजय ने प्रधानमंत्री मोदी से भी दर्खास्त की है कि वे अपने कार्यक्रम “मन की बात” में भी उनकी बात को लोगों से कहें और यदि मेरी बात झूठ निकले, तो मुझे आजीवन कारावास दे दें।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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