जाने क्यों यहां हिंदुओं के शव को जलाया नहीं जाता

0
428

हिंदू धर्म में काफी पुराने समय से यह परंपरा चली आ रही है कि किसी भी मृत व्यक्ति के शव को जलाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुछ लोगों के बीच पिछले 86 सालों से एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। जिसके मुताबिक मृत व्यक्ति के शव को जलाया नहीं, बल्कि दफना दिया जाएगा।

भले ही यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यहां 86 सालों से हिंदुओं के शव को मिट्टी में दफनाया जा रहा है। 86 सालों से यहां पर सिर्फ एक कब्रिस्तान ही था, लेकिन अब यह बढ़ाकर 7 कर दिए गए हैं।

dead body1Image Source:

आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे कारण क्या है? दरअसल सन् 1930 में फतेहपुर जनपद में स्वामी अच्युतानंद रहते थे। वह दलित वर्ग के काफी बड़े रहनुमा थे। एक बार वह एक दलित वर्ग के बच्चे के अंतिम संस्कार पर भैरव घाट गए, लेकिन यहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि पण्डे मृत बच्चे के मां बाप से काफी ज्यादा दक्षिणा मांग रहे थे। जिसके बाद स्वामी अच्युतानंद बच्चे के शव को वहां से ले गए और पूरे विधि विधान के साथ बच्चे का अंतिम संस्कार कराया।

वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों के लिए शहर में एक कब्रिस्तान बनाने की ठान ली, लेकिन इसके लिए जमीन की जरूरत थी। स्वामी ने अपनी बात अंग्रेजों के सामने रखी तो उन्होंने इसके लिए बिना हिचके जमीन दे दी। तभी से यहां पर हिंदुओं के शव को दफनाया जा रहा है। भले ही यहां पहले दलित वर्ग के शव दफनाए जाते थे, लेकिन अब यहां हर जाति के शव दफनाए जा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here