साल 2013 का सबसे चर्चित एक्ट्रेस जिया खान आत्महत्या मामला, जो कि एक मिस्ट्री बन गया था। इस केस में हाईकोर्ट भी इस कदर उलझा कि उसे मामले को सुलझाने और जांच के लिए सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपना पड़ा। अब सीबीआई की रिपोर्ट आ गई है। जिसमें सूरज पंचोली का एक खौफनाक चेहरा सामने आया है।
सभी को अच्छे से ज्ञात होगा कि 3 जून 2013 को अभिनेत्री जिया खान ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी थी। उनकी डेथ बॉडी जुहू स्थित उनके घर के बेडरूम में पाई गई थी। जिया खान की मां रबिया खान ने इसे आत्महत्या करार ना देकर मर्डर बताया था। जिसको लेकर उन्होंने कोर्ट में एक याचिका भी दायर की, जिसकी गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। आपको बता दें कि सीबीआई की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसने मामले में एक नया मोड़ ला दिया है। 9 दिसंबर 2015 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट फाइल कर दी, जिसमें एक्टर सूरज पंचोली को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने कहा कि जिया खान द्वारा लिखित आत्महत्या के नोट के अनुसार आत्महत्या के पीछे उनका डिस्टर्ब मेंटल स्टेटस था। अमेरिका में जन्मी जिया ख़़ान का असली नाम नफीसा ख़ान था और अभिनेता सूरज पंचोली के साथ असंतुष्ट रिश्ते के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
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रिपोर्ट के मुताबिक जिया खान को चार महीने की प्रेग्नेंसी थी, जिसके बारे में उन्होंने अपने ब्वॉयफ्रेंड सूरज पंचोली को बताया था। दोनों फिजीशियन के पास भी गए थे। वे भ्रूण को नष्ट करने में सफल नहीं हो सके। बाद में दोनों ने एक गायनकोलॉजिस्ट से संपर्क किया, लेकिन गायनकोलॉजिस्ट की सलाह के बाद भी सूरज जिया को अस्पताल नहीं ले गए क्योंकि कहीं ना कहीं उन्हें एक्टिंग में अपने करियर को लेकर डर था। जिसके बाद फाइनली उन्होंने अपने हाथों से जिया के शरीर से भ्रूण को निकाला और उसे टॉयलेट में बहा दिया। इस घटना के बाद जिया पूरी तरह टूट गईं और 3 जून 2013 को उन्होंने अपनी जान दे दी।
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बहरहाल, आदित्य पंचोली और जरीना वहाब के बेटे सूरज पंचोली के खिलाफ इंडियन पैनल कोड के अंतर्गत अंडर सेक्शन 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है क्योंकि नोट के अनुसार आत्महत्या के लिए जिया को उकसाया गया था। सूरज ने जिया को शारीरिक और मानसिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि वह मानसिक रूप से टूटकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गई। सीबीआई का कहना है कि सारी जांच का निष्कर्ष इस मामले के सबूत के आधार पर किया गया है। भारतीय कानून के तहत जब तक जुर्म साबित न हो आरोपी तब तक वह निर्दोष माना जाता है।