हिंदू धर्म की विवाहित स्त्रियां अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं पर बहुत बहुत कम लोग इसकी वैज्ञानिकता को जानते हैं। इस बारे में बात करने से पहल हम आपको “रामायण” में आई एक कथा के बारे में बताते हैं जोकि सिंदूर से ही जुड़ी हैं।
कथा कहती हैं कि एक बार भगवान हनुमान ने देवी सीता को मांग में सिंदूर भरते देख लिया तो उन्होंने उनसे सिंदूर लगाने का कारण पूछा। सीता जी ने हनुमान जी को बताया कि इसको लगाने से प्रभू श्री राम की आयु बढ़ती हैं। भगवान् हनुमान गृहस्थ जीवन और प्रेम के विषयों से अनजान थे इसलिए उन्होंने सरल भाव से अपने सारे शरीर पर सिंदूर लगा लिया।
इसके बाद वे जब राम जी के दरबार में पहुंचे तो वहां लोग उनको देख कर हैरान रह गए और उनसे ऐसा करने का कारण पूछने लगे। भगवान हनुमान ने बताया कि ऐसा करने से प्रभू श्रीराम की आयु बढ़ती हैं, मुझे ऐसा माता सीता ने बताया। भगवान हनुमान के इस सरल भाव को देख कर सभी लोग मुस्कुराने लगे।
रामायण की इस घटना के अलावा कई अन्य घटनाएं भी मिलती हैं जो सिंदूर लगाने के महत्व से जुड़े हैं। आइये अब आपको बताते हैं इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण के बारे में।
Image Source:
यह हैं मांग में सिंदूर भरने का वैज्ञानिक कारण –
विवाहित महिलायें सिर की मांग में सिंदूर भरती हैं। आपको बता दें कि जिस स्थान पर यह सिंदूर भरा जाता हैं उस स्थान को योग में “व्रह्मरंध्र” का स्थान कहा गया हैं। वैज्ञानिकता की बात करें तो सिर का यह भाग काफी नाजुक होता हैं। इस स्थान पर मांग निकाल कर जब महिलायें सिंदूर भरती हैं तो उनके सिर को ठंडक मिलती हैं क्योंकि सिंदूर में पारा होता हैं।
इसके पीछे तर्क यह हैं कि विवाह के बाद महिलाओं के जीवन में काफी फर्क आता हैं तथा मानसिक स्थिति भी काफी हद तक बदलती हैं। जिसके कारण महिलाओं को अक्सर तनाव हो जाता हैं। चूंकि सिंदूर में पारा होता हैं इसलिए इसको लगाने से महिलाओं के सिर में ठंडक मिलती हैं।