भंगाराम देवी मंदिर में दी जाती है देवताओं को सजा-ए-मौत, जानें इस मंदिर के बारे में

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अपने देश में बहुत से मंदिर हैं, पर कुछ मंदिर अपने खास कार्यों या मान्यताओं के कारण काफी प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जहां पर देवताओं को सजा दी जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सजा मंदिर निष्कासन से लेकर सजा-ए-मौत तक हो सकती है।

आपको यह खबर अटपटी लग सकती है, पर असल में अपने देश में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जहां पर देवताओं सजा दी जाती है। आपको हम बता दें कि यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अंतर्गत आने वाले केशकाल नगर में स्थित है। इस मंदिर का नाम “भंगाराम देवी मंदिर” है।

भंगाराम देवी इस क्षेत्र के 9 परगना के 55 गांवों में स्थापित हजारों देवी देवताओं की आराध्या हैं। प्रतिवर्ष भादों के माह में भंगाराम देवी की जात्रे का आयोजन भी किया जाता है। इस जात्रे में प्रत्येक ग्रामवासी अपने-अपने गांव के देवताओं को लेकर यहां आता है और यहीं पर एक देव अदालत लगती हैं। इस देव अदालत में आरोपी देवी देवता होते हैं, तो फरियादी ग्रामवासी।

जिस भी देवी या देवता के खिलाफ शिकायत होती है, उसको लेकर ग्रामवासी भंगाराम देवी से फरियाद लगाते हैं और सुबह से शाम तक इस देव अदालत में सुनवाई का कार्य चलता है।

gods and goddesses get death sentence at this bhangaram devi templeimage source:

इस पूरी प्रक्रिया में भंगाराम देवी मंदिर का एक पुजारी अचानक ही बेहोश हो जाता है। लोक मान्यता है कि इस पुजारी के अंदर में उस समय भंगाराम देवी आ जाती हैं और उसके शरीर से ही देवी देवताओं के अपराध का फैसला करती हैं। यह फैसला देवी देवताओं द्वारा किए गए उनके अपराधों के हिसाब से होता है।

इस फैसले में देवी-देवताओं को 6 माह मंदिर निष्कासन से लेकर आजीवन निष्कासन तक की सजा दी जाती है। इसके अलावा यह सजा “सजा-ए-मौत” भी हो सकती है। मृत्युदंड प्राप्त देवी देवताओं की प्रतिमाओं को वहीं खंडित कर दिया जाता है जबकि निष्कासित देवी-देवताओं को भंगाराम देवीमंदिर के पास स्थित खुली जेल में छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार से यह देव अदालत का कार्य संपन्न होता है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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