जानकारी के लिए आपको सबसे पहले ये बता दें की वैम्पायर नाम की बहुत पहले एक ऐसी प्रजाति होती थी जो होते तो बिलकुल सामान्य मानव की ही तरह थे परन्तु भोजन के रूप में इस प्रजाति के लोग यानि वैम्पायर, सामान्य लोगों का खून पीते थे। इसके अलावा ये लोग सूरज की रौशनी में नहीं निकल पाते थे क्युकी इसके शरीर का इम्यून सिस्टम सूरज की धूप को बर्दाश्त नहीं कर सकता था इसलिए ये लोग दिन में बाहर निकलने पर जलने लगते थे। यही कारण था की इस प्रजाति के लोग यानि वैम्पायर रात को ही बाहर निकलते थे और सामान्य लोगों को अपना शिकार बनाते थे। वैम्पायर प्रजाति के बारे में ये सामान्य सी जानकारी है परन्तु अभी तक यह पूर्णत साबित नहीं हो पाया है की इस प्रकार की कोई प्रजाति क्या बास्तव में थी या अथवा नहीं। खैर हालही में हुई एक घटना के बारे में हम जानकारी दे रहें हैं, जिसको वैम्पायर वूमेन से जोड़कर बताया जा रहा है।
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पोलैंड शहर में हुई एक खुदाई के दौरान कुछ मानव अबशेष मिले हैं, इस बारे में पुरातत्वविदों ने जो कहा है उससे सभी लोग चकित हैं, इन लोगों ने जांच में बताया की यह जो अबशेष खुदाई के दौरान मिले हैं वह 500 वर्ष से अधिक पुराने हैं और ये अबशेष किसी वैम्पायर वूमेन के हैं। इस खबर से अब तक उठी वैम्पायर प्रजाति की खबरों का बाजार गर्म हो गया है। खुदाई में मिले इस मानव अबशेष में शरीर तथा सर की हड्डियां मौजूद है और इस के मुंह में पत्थर का टुकड़ा ठूसा हुआ है। वैम्पायर एक्सपर्ट ने इस कंकाल की जाँच कर कहा की जब वैम्पायर वूमेन को मारा जा रहा था तब इसके मुंह में पत्थर ठूस दिया गया होगा और यह इसलिए किया गया होगा ताकि यह वैम्पायर वूमेन किसी भी अन्य प्राणी का खून न पी सके।
आपको जानकारी के लिए बता दें की यह कंकाल, स्लावोमीर गोरका नामक व्यक्ति को कब्रिस्तान में खुदाई के दौरान मिला था, यह व्यक्ति एक चर्च के बगल में खुदाई कर रहा था। फिलहाल इस कंकाल को म्यूजियम में रखवा दिया है।