अनोखा मंदिर – इस मंदिर मे चढ़ाई जाती थी अंग्रजों की बलि

0
365

अपने देश मे लगभग हर स्थान पर मंदिर बने हैं ओर अपने भी बहुत से मंदिरों को देखा ही होगा ओर कई ऐसे मंदिरों के बारे मे सुना भी होगा जहां पर अाज भी बलि दी जाती है पर क्या अाप किसी ऐसे मंदिर कर बारे मे जानकारी रखते हैं जहां पर अंग्रजों की बलि दी जाती थी, अाज हम अापको एक ऐसे ही मंदिर के बारे मे जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें बलि के रूप मे अंग्रजो को मार कर चढ़ाया जाता है। अाइए जानते हैं इस मंदिर के बारे मे।

यह घटना है 1857 के पहले स्वतन्त्रता संग्राम से भी पहले के समय की , यह मंदिर अाज भी झारखंड मे स्थित है ओर अाज भी यहाँ पर अाने वाले लोगो की भीड़ लगी रहती है परंतु झारखंड का यह इलाका उस समय जंगल के बीच मे अाता था ओर मंदिर भी चारो ओर से जंगल से ही घिरा हुअा था। उस समय यहाँ से गुर्रा नामक नदी गुजरती थी ओर डुमरी रियासत के बाबू बंधु सिंह उस समय इस जंगल मे रहते थे। पास मे ही ताड़ के एक पेड के नीचे बे अपनी कुलदेवी तरकुलहा की उपासना करते थे। उस समय भी अंग्रेज भारत के लोगो पर कई प्रकार के जुल्म करते थे, जब बंधु सिंह बड़े ह्यू तो अंग्रेजों के प्रति उनका नजरिया बिल्कुल बदल गया, वे अंग्रजो से किसी भी कीमत पर भारतीयों के जुल्म का बदला लेना चाहते थे। बंधु सिंह एक अच्छे लड़ाका थे ओर गुरिल्ला लड़ाई मे वे माहिर थे इसलिए उस समय जब कोई अंग्रेज उस जंगल से गुजरता था तो बे उसको मारकर उसका सर काट कर अपनी कुलदेवी के मंदिर मे भेट चढ़ा देते थे।

british-sacrifices-in-this-temple1Image Source:

अंग्रेजो के बहुत से लोग जो उस जंगल मे गए वह वापस नही अा सके तो अंग्रेजो ने इस लापता होने की घटना की जानकारी निकलवाई ओर अंग्रजो को पता लग गया की यह सब बंधु सिंह ने किया है। इसके बाद मे अंग्रजों ने बंधु सिंह को ढूंढने के लिए सारा जंगल छान मारा पर बंधु सिंह हाथ नही अाये, अंत मे एक व्यवसायी की मुखबिरी के कारण बंधु सिंह को अंग्रजो ने गिरफ्तार कर लिया ओर अदालत ने उनको फांसी की सजा सुनाई तब 12 अगस्त 1857 को बंधु सिंह को गोरखपुर के अली चौराहे पर सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया, कहा जाता है की 6 बार फांसी देने पर भी अंग्रेज असफल रहें क्यूकी बार बार फांसी के फंदे की रस्सी टूट जाती थी फिर अंत मे बंधु सिंह ने अपनी कुलदेवी से प्रार्थना कर अपने को उनके पास बापस अाने देने की प्रार्थना की तब सातवी बार बंधु सिंह को फांसी लगी। बंधु सिंह के सम्मान मे उनके पूर्वजों ने उनकी कुल देवी का एक मंदिर ओर बंधु सिंह का स्मारक बनवाया हुअा है।

british-sacrifices-in-this-temple2Image Source:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here