जीवन में अपनाएं बुजुर्गों की ये सलाहें, सुख-समृद्धि से भरा रहेगा जीवन

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घर के बुजुर्ग काफी पहले से बहुत सी ऐसी बातें बताते आये हैं। जिनको अपनाने से जीवन सुख और शांति से परिपूर्ण बन सकता है। आज के परिवेश में एकल परिवार बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। अधिकतर लोग अपने घर से बहुत दूर जीवन यापन करते हैं। इस कारण हम लोग इन जरुरी बातों से अवगत नहीं हो पाते। ये बातें जीवन के वे स्वर्णिम सूत्र हैं जिनको हमारे बुजुर्गों ने अपने जीवन के लंबे अनुभवों से पाया है। अतः इस प्रकार की बातों को जानकर हम लोग न सिर्फ अपने बुजुर्गों के अनुभव का फायदा उठा सकते हैं बल्कि अपने जीवन में सुख-समृद्धि को आसानी से ला सकते हैं। आइये अब जानते हैं इन बातों को।

1 – चीटियों को डालें आटा  

हालांकि यह काफी छोटी बात लगती है, लेकिन यदि आप अपनी किस्मत को चमकाना चाहते हैं तो आप आटे में थोड़ी शक्कर मिलाकर चीटियों को प्रतिदिन डालें। इस कार्य को करने से हमारे व्यवसाय में आने वाली सभी प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाती हैं तथा किस्मत हमारा साथ देने लगती है। इस प्रकार से हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आने लगती है।

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2 – घर को हमेशा रखें साफ

अपने घर को हमेशा साफ बनाएं रखें। सुबह के समय घर को प्रतिदिन साफ करना चाहिए, परंतु शाम के समय कभी सफाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी रुष्ठ हो जाती हैं। घर के अंदर जो सामान काम नही आ रहा है उसको बाहर निकाल दें। टुटा हुआ कोई सामान अपने घर के अंदर न रखें। असल में इनकी वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

3 – माता-पिता से पाएं आशीष  

अपने माता-पिता से आशीर्वाद जरूर लें। इसके अलावा हमेशा घर से निकलने पर घर के सभी लोगों के चरण स्पर्श कर आशीष जरूर लें। ऐसा करने पर सभी ग्रह आपके अनुकूल हो जाते हैं और आप अपने कार्य में सफल होते हैं।

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4 – कभी खाली हाथ न जाएं घर  

यदि आप शाम को घर को लौटते समय कुछ न कुछ अवश्य लेकर जायेंगे तो आपके घर में कभी भी कोई कमी नहीं होगी। यदि किसी दिन कुछ नहीं ले जा रहें हो तो भी किसी पेड़ का कोई एक पत्ता अपने साथ में घर ले जाएं। इस प्रकार आपके घर में किसी प्रकार की कमी नहीं होती है। इन उपायों को यदि आप अपने जीवन में अपनातें हैं तो आपकी किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं और आपके घर में सुख-समृद्धि का आना शुरू हो जाता है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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