एक समय ऐसा था जब लोगों के पास एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिये आवागमन के कोई साधन मौजूद नहीं थे। लोग बैलगाड़ी का सहारा ले कर अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिये मजबूर थे। फिर धीरे-धीरे देश का कुछ विकास हुआ और भारत में आई पहली रेल, जिसने लोगों की यात्रा को सरल और सुगम बनाने का प्रयास किया पर विकास का कारवां इतने तक ही सीमित नहीं रहा। इन सामान्य ट्रेनों से कहीं जाने पर जो अधिक समय लगता था उसे कम करने के लिये एक्सप्रेस और सुपर फास्ट ट्रेनों के साधन उपलब्ध कराये गये। इसी क्रम में फिर एक नई योजना ने देश की जनता को सबसे बड़ा उपहार देकर चौंका दिया। अब जल्द ही हमारे देश में दौड़ने वाली है बुलेट ट्रेन, जो धरती के साथ-साथ समुद्र की गहराइयों को मापने के लिये भी तैयार है। जी हां, जल्द ही हम अपने देश में समुद्र के अंदर रेल यात्रा का आंनद उठा सकेंगे।
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मुंबई से अहमदाबाद वाली पहली बुलेट ट्रेन के जरिये यात्री समुद्र के भीतर भी यात्रा का लुत्फ उठा सकेंगे। सबसे बड़ी इस परियोजना को चलाने के लिये मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलो मीटर लंबे रेल कॉरीडोर में समुद्र के अंदर करीब 21 किलोमीटर की सुरंग का निर्माण किया जाना है। मिली जानकारी के अनुसार इस रेल कॉरीडोर के ज्यादातर भाग को ऊंचाई वाले ट्रैक पर बनाने की योजना तैयार की गई है, लेकिन ठाणे से विरार की ओर जाने पर यह रास्ता समुद्र के अंदर बनी सुरंग से होकर गुजरेगा।
इस परियोजना को तैयार करने पर आने वाली लागत कुल 97,636 करोड़ रुपए बताई जा रही है। जिसमें करीब 81 प्रतिशत ऋण 0.1% साल भर की ब्याज दर से 50 साल के लिए जापान से लिया जा रहा है। हालांकि 15 साल तक किसी भी प्रकार से इस ऋण की वसूली नहीं कि जायेगी।
बताया जा रहा है कि ऋण लेने पर हुये समझौते के अनुसार रेल के डिब्बे, इंजन और सिग्नल एवं बिजली से संबंधित सभी उपकरण जापान से आयात किया जायेगा। जिसके दिसंबर तक पूरे होने की संभावना व्यक्त की गई है और रेल को गुजरने के लिये बनाये जाने वाले रास्ते का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 तक शुरू होने की संभावना है।