जारी हुआ फतवा, मुसलमान नहीं कहेंगे ‘भारत माता की जय’

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बीते कुछ दिनों से देश में भारत माता की जय बोलने को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद में अब इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने अपना फतवा जारी कर दिया है। इस संस्थान की ओर से भारत माता की जय नारे को गैर इस्लामिक बताया गया है। फतवे में यह भी कहा गया है कि जिस तरह से मुस्लिम वंदे मातरम नहीं बोलते हैं, उसी तरह उनका भारत माता की जय बोलना भी जायज नहीं है।

1Image Source: https://i.ytimg.com/

जानकारी के अनुसार एआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान के बाद दारूल उलूम में भारत माता की जय बोलने के विवाद को लेकर सैकड़ों खत पहुंचे। इन खतों में पूछा गया था कि क्या मुस्लिम भारत माता की जय बोल सकते हैं। इन खतों पर गौर करते हुए संस्थान की ओर से मुफ्तियों की एक बैठक बुलाई गई। बैठक में संस्था के मुफ्ति-ए-कराम की ओर से जारी फतवे में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग सिर्फ अल्लाह की ही इबादत कर सकते हैं, जबकि भारत माता की जय नारे का मतलब पूजा की ही तरह लिया गया है। इसी कारण भारत माता की जय मुस्लिम सुमदाय के लोग नहीं बोल सकते।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भारत हमारा वतन है और हम भी इस वतन से मोहब्बत करते हैं। मगर इस देश को देवी देवता की तरह नहीं मान सकते। भारत माता की जय में देश को देवी के रूप में माना गया है। भारत का संविधान सभी को मजहबी आजादी प्रदान करता है। साथ ही भारत माता की जय बोलना मुसलमान के लिए किसी प्रकार से जायज नहीं है।

Darul Ulum Deoband2Image Source: http://2.bp.blogspot.com/

इस तरह शुरू हुआ विवाद-

कुछ दिनों पहले एआईएम के प्रमुख और सांसद औवेसी ने कहा था कि आरएसएस प्रमुख गर्दन पर चाकू रखेंगे तक भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। इस पर आरएसएस प्रमुख की ओर से कहा गया कि उन्होंने कहा था कि भारत माता की जय बोलना सीखना होगा। यह बोलना जबरन नहीं होगा।

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