टैक्स का भुगतान करने वाले लोगों के लिए एक खुशी की खबर है। ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने सरकार के सामने कुछ ऐसी मांगें रखी हैं जिसमें व्यक्तिगत इनकम टैक्स छूट सीमा को 5 लाख रुपये तक और न्यूनतम वेतन को 18000 रुपये तक बढ़ाने की मांग की है। इतना ही नहीं इसमें न्यूनतम मासिक पेंशन को भी 3000 रुपये तक बढ़ाने की बात की। वित्त मंत्री अरुण जेटली की असंगठित क्षेत्र के साथ बजट पूर्व विमर्श में 11 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने इस मांग को उठाया है। इतना ही नहीं इस विषय को 2016-17 के केन्द्रीय बजट के दौरान संसद में पेश किया जाएगा। वैसे आपको बता दें कि संसद में पेश होने के बाद यह नियम अप्रैल 2016 से लागू हो सकता है।
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मजदूर संघ के मंडल संगठन सचिव पवन कुमार ने इस बैठक के बाद मीडिया से बाद करते हुए बताया कि ‘हम प्रति माह 18000 रुपये के न्यूनतम वेतन पाने की इच्छा जता रहे हैं। फिलहाल यह अभी के 15000 रुपये के न्यूनतम वेतन से अधिक है।’ इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया है कि ‘आने वाले 7वें वेतन आयोग में केंद्र के कर्मचारियों के लिए कम से कम मासिक वेतन 18000 रुपये की मांग की गई है।’ उन्होंने जेटली की कही बातों को भी मीडिया के साथ बाटते हुए कहा कि ‘असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध करना पान एक बड़ी बात है। वैसे सरकार आने वाले समय में इस समस्या को दूर करने की पूरी कोशिश करेगी।’ आपको बता दें कि यूनियनों ने आवास, चिकित्सा और शिक्षा सुविधा जैसे अनेक विषयों पर भी आयकर की छूट देने की बात की है।