हिंदू धर्म में छठ की पूजा लोक आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र मानी जाती है। देश-विदेश के लोग भी इस आस्था से प्रभावित होकर पर्व को देखने के लिए आते हैं। इसी प्रकार से छठ पूजा का असर हमारे देश के साथ-साथ जेलों में भी देखा जा रहा है, जहां यह बड़ी श्रृद्धा से मनाया जा रहा है। छठ पर्व के गीतों से बिहार जेल परिसर गुंजायमान है। बिहार की जेलों में भी लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जा रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि इन जेलों के बंद कैदी साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए लोक आस्था के इस पर्व को मना रहे हैं। इस पर्व को मनाने के लिए हिंदू से लेकर मुस्लिम महिलाएं भी बड़ी श्रृद्धा के साथ इस पर्व को मनाते हुए सभी कैदियों के साथ सूर्योपासना का व्रत भक्ति पूर्वक कर रही हैं।
जेल प्रशासन भी इस पर्व को मनाने के लिए कैदियों की पूरी मदद कर रहा है। जेल प्रशासन की ओर से छठ पर्व करने वालों के लिए पूजन सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
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मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार में इस वर्ष कुल 107 कैदियों ने छठ व्रत रखा है, जिनमें 47 महिलाएं और 60 पुरुष हैं। सबसे खास बात यह है कि इस जेल में सजा काट रही तीन मुस्लिम महिलाओं शाहजहां खातून, आमोदी खातून और मोमिना खातून भी छठ पर्व कर रही हैं। इस जेल के अन्य करीब 1600 कैदी उनकी मदद कर रहे हैं। जेल के सभी कैदियों ने पूरे जेल परिसर की साफ-सफाई कर उसे सजाया है। उन्होंने बताया कि छठ व्रत करने वाले सभी कैदियों के लिए जेल प्रशासन द्वारा फल, फूल और वस्त्र की व्यवस्था की गई है।
पटना के आदर्श कारागार ‘बेउर जेल’ में 21 महिलाएं और आठ पुरुषों समेत 29 कैदी छठ व्रत कर रहे हैं। बेउर जेल के अधीक्षक शिवेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि इन छठव्रती कैदियों के लिए सारी व्यवस्था जेल प्रशासन द्वारा कराई गई है। अर्घ्य देने के लिए जेल के अंदर ही अस्थायी जलकुंड की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि बेउर जेल में हर साल कैदी छठ व्रत करते हैं। कुमार ने बताया कि जेल में बने शांति सरोवर की सफाई कर उसमें पानी भरा गया है। इस सरोवर के चारों ओर रंगीन बल्ब लगाए गए हैं, जबकि पास ही टेंट की भी व्यवस्था की गई है। छठ कर रहे कैदियों को जेल प्रशासन की ओर से प्रसाद के साथ वस्त्र भी दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि चार दिनों के इस पर्व की रविवार को नहाय-खाय के साथ विधिवत शुरूआत हो गई है। सोमवार को खीर-रोटी का व्रती ने भोग लगाकर खरना किया। मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य व बुधवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ महापर्व छठ पर्व संपन्न हो जाएगा।