केंद्र की बीजेपी सरकार ने कुछ ही समय पूर्व मुस्लिम महिलाओं के अकेले हज यात्रा करने पर से बैन को हटा दिया था, जिसके कारण मुस्लिम महिलाएं अब अकेले भी हज यात्रा कर पुण्य ले सकेंगी। इस फैसले से मुस्लिम समाज की महिलाओं में खुशी की लहर साफ देखी गई। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले से पूर्व मुस्लिम महिलायें अकेले हज यात्रा पर नहीं जा सकती थी बल्कि उनके साथ कोई न कोई परिजन होता था तब ही वे इस धार्मिक यात्रा के लिए योग्य मानी जाती थी।
इसी क्रम में वर्तमान में बीजेपी सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। यह फैसला उन लोगों के लिए है जो दिव्यांग हैं। आज के समय में मुस्लिम समाज में बहुत से लोग दिव्यांग हैं और इस कारण से वे हज यात्रा का लाभ लेने से अब तक वंचित रहें हैं, पर अब केंद्र सरकार ने दिव्यांग लोगों को अनोखा उपहार देते हुए उनके लिए भी हज यात्रा के बंद रास्ते खोल डाले है। अब दिव्यांग मुस्लिम लोग भी हज की पवित्र यात्रा पर जा सकेंगे और पुण्य लाभ ले सकेंगे।
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इस बारे में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताते हुए कहा कि “दिव्यांग मुस्लिम लोगों पर यह बैन पिछले 60 वर्ष से रहा है, पर अब केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज कमेटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि वह दिव्यांग लोगों के आवेदन को भी स्वीकार करें तथा उसकी यात्रा का उचित प्रबंध करें।” आपको बता दें कि रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट 2017 में आई थी इसमें 2018 से 2022 तक के समय के लिए कुछ गाइड लाइन थी।
जिनमें दिव्यांगों के लिए हज पर जाना बैन था। इस रिपोर्ट की गाइड लाइन पर दिव्यांग लोगों ने प्रदर्शन किया था तथा अपने मूलभूत अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी। इसके बाद दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाले एक्टिविस्ट मुरलीधरन ने राज्यसभा सांसद टीके रंगराजन के साथ में मुख्तार अब्बास नकवी से भी मुलाकात की थी। वर्तमान में केंद्र सरकार ने इस बैन को हटा दिया है, जिसके चलते अब दिव्यांग लोग भी हज जाकर पुण्य के भागी बन सकेंगे।