कैशलेस प्रणाली के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं। 8 नवंबर 2016 का वह दिन तो आपको याद ही होगा जब पीएम मोदी ने 500 तथा एक हजार के नोटों को बैन कर दिया था। कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था तो बहुतो ने इसकी आलोचना की थी। नोटबंदी के बाद ऑनलाइन ट्रांसक्शन में खूब वृद्धि हुई थी। खैर वर्तमान में अब स्थिति बिल्कुल सामान्य हैं। ऐसा माना जाता हैं कि कैशलेस सिस्टम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगती हैं। आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बता रहे हैं जो पूरी तरह से कैशलेस है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के भिखारी भी भीख का पैसा ऑनलाइन ही लेते हैं।
सोमालीलैंड हैं इस देश का नाम –
Image Source:
आपको बता दें कि इस देश का नाम “सोमालीलैंड” हैं। यह देश 1991 में सोमालिया से कटकर निर्मित हुआ था। अभी तक इसको किसी देश की मान्यता नहीं मिली हैं, पर यह खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करते हुए खुद के लोकतांत्रिक होने का दावा करता हैं। यह देश आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। यहां का आधा हिस्सा रेतीला हैं और आधा हिस्सा रेगिस्तानी। इस देश में ऊंटो का निर्यात करना ही सभी का मुख्य व्यवसाय हैं। इस देश में 500 और 1000 के नोट चलते हैं जिनको “शिलिंग” कहते हैं। यहां पर 9000 शिलिंग का मूल्य महज एक अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं। इससे पता लगता हैं कि यहां की मुद्रा कितनी कमजोर हैं।
इसलिए विकसित हुई कैशलेस प्रणाली –
Image Source:
करेंसी का मूल्य कम होने की वजह से इस देश में लेनदेन में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। यदि किसी बहुमूल्य चीज जैसे आभूषण अदि को खरीदना होता हैं तो उसका मूल्य इतना हो जाता हैं कि कैश को किसी गाडी में लाद कर लाना पड़ेगा। यही कारण हैं कि इस देश में सभी कार्य कैशलेस किये जाते हैं। अब यहां के लोगों को भी कैशलेस सिस्टम की आदत पड़ चुकी हैं। यहां के लोग छोटी मोटी खरीदारी भी मोबाइल के द्वारा कैशलेस प्रणाली से करते हैं। आप को यह जानकर हैरानी होगी कि यहां के भिखारी भी भीख ऑनलाइन ही लेते हैं। इस प्रकार से यह देश पूरी तरह से कैशलेस हो चुका हैं।