बस की यात्रा का सफर उस समय काफी कठिन हो जाता है जब गर्मी के समय की तेज धूप के साथ उमस करने वाली गर्मी से पूरा शरीर पसीना-पसीना हो जाता है। लेकिन अब आप जल्द ही इस परेशानी से छुटकारा मिलने वाला है। क्योकि अब ऐसी बस चलने वाली है जिसकी छत पर गार्डन बनाया जा रहा है। जिससे यात्री प्राकृतिक ठंडी हवाओं के लुफ्त उठा सकेगें। सिंगापुर में एशिया की पहली ग्रीन रूफटॉप वाली बस सर्विस की शुरूआत की गई है। गार्डन ऑन द मूव अभियान के तहत इन्हें चलाया जा रहा है। इन बसों की छत पर 1.8 गुणा 1.5 मीटर साइज के दो ग्रीन पैनल लगाए गए हैं। मिट्टी वाले इस ग्रीन पैनल का वजन लगभग 250 से 300 किलो के बीच तक का होता है। इस पैनल में मिट्टी का उपयोग करने के बजाय कार्बन फाइबर का उपयोग किया गया है। जो गेयामेट भी कहलाता है। इसमें पानी सोखने वाले रेशों की लेयर बनायी गई है। जिसका वजन महज 40 किलो तक ही है। इनमें ज्यादा पानी देने की जरूरत भी नही पड़ती, बल्कि साल में दो या तीन बार मैंटेनेंस करने की जरूरत पड़ती है।
फिलहाल सिंगापुर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की 10 बसों में 4 लाख रुपए खर्च कर ग्रीन रूफटॉप बनाया गया है। पहले तीन माह तक इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की जाएगी, फिर जरूरी सुधार कर 400 बसों पर ग्रीन रूफ लगाई जाएंगी।
इस प्रोजेक्ट को लगाने के फायदे
1. प्रोजेक्ट एडवाइजर के अनुसार ग्रीन बसों में एयर कंडीशनर की जरूरत नही पड़ती। जिससे इंधन की बचत होती है। फ्यूल भी कम खर्च होता है। अब दिन भर में एक बस से करीब 15-20% फ्यूल की बचत की जा सकती है।
2. बस की छत पर अंदर की ओर ऐसे सेंसर लगाए गए हैं, जो अदंर-बाहर के तापमान के अंतर को बताने में मदद करते है। ग्रीन रूफ छत धूप को अंदर प्रवेश करने से रोकती है। इसलिए अंदर का तापमान बाहर के मुकाबले करीब 5 डिग्री तक कम रहता है।
3. इन मैट्स पर लगाए गए पौधों की खास बात यह है कि ये कड़ी धूप के साथ गर्म तेज हवा को भी अवशोषित कर सकते हैं। तापमान ज्यादा होने के बाद भी यह मुरझाते नहीं हैं। इन्हें पहले पैनल पर उगाया जाता है, फिर पैनलों को बस पर लगा दिया जाता है।
4. ग्रीन रूफटॉप का उपयोग करने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे इलेक्ट्रिक बसों में बैटरी की खपत कम हो जाएगी। सिंगापुर ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के द्वारा किये शोध के अनुसार यह बात सामने आई है कि एसी चालू नहीं करने से बैटरी की खपत 25% तक से कम होगी। यानी जल्दी चार्ज नहीं करना पड़ेगी।