दुनिया भर में जानवरों की कई ऐसी दुर्लभ प्रजातियां हो जो लुप्त होने की कगार पर है जैसे कि सफेद गेंडा, बंगाल टाइगर, ब्लैक हिरन और गिद्ध व चील आदि। इन जानवरों के संरक्षण के लिए दुनिया के अलग अलग हिस्सों में कोशिशे जारी है। कुछ इसी प्रकार की कोशिश हमारा देश भी कर रहा है। देश के राज्य यू.पी के शहर कानपूर में स्थित जूलॉजिकल पार्क में गिद्ध व चील के संरक्षण हेतु एक नया कार्य किया है।
यहां पर इन पक्षियों के लिए एक रैप्टर्स रेस्तरां का निर्माण किया गया है। इस रेस्तरां को खोलने के पीछे का उद्देश्य बताते हुए अधिकारियों का कहना है कि उनके इस कार्य के जरिए मरने वाले जीवों के शवों का निपटारा भी हो जाता है और गिद्ध व चील जैसे पक्षियों को पर्याप्त मात्रा में भोजन भी उपल्बध हो जाता है। इस बारे में चिकित्सकों का कहना है कि बीते समय में गिद्धों की संख्या में तेजी से कमी आई है। जिसके चलते अब इनके संरक्षण की जरुरत आन पड़ी है। इस कार्य से
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कुछ ऐसे बना है रेस्टोरेंट
इस रेस्तरां की बात करें तो पक्षियों की दिलचस्पी के मुताबिक इस रेस्तरां के चारो ओर काफी पेड़ मौजूद है। इन्हीं के बीच लकड़ियों की टहनियों से इसे बनाया गया है। पक्षी खुशी से यहां आकर बैठते है। यह ऊपर की तरफ से खुला रखा गया है। इतना ही खाने के अलावा इनके पीने की सुविधा में मुहैय्या करवाई गई है। इसके लिए एक यहां एक तालाब बनाया गया है।
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गंदगी और संक्रमण का हल
इस रेस्तरां के निर्माण को लेकर प्राणी उद्यान के चिकित्सा विभाग ने बताया कि रेस्तरां को बनाने से पहले जू के चार अलग अलग हिस्सों में पक्षियों को खाना डाला जाता था। इससे न सिर्फ गंदगी फैलती थी बल्कि सारे जू में दुर्गंध भी फैल जाती थी। इस कारण जानवरों व लोगों को संक्रमण होने का खतरा बन जाता था। इसके साथ ही बारिश के दिनो में तो परेशानी और भी बढ़ जाती थी। मगर जब से इस रेस्तरां का निर्माण किया गया है तब से न सिर्फ गंदगी से छुटकारा मिला है बल्कि इन प्रजातियों के संरक्षण भी अच्छे से हो रहा है।