हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ज्यादातर लोग करते हैं ये गलतियां, जानिये इन गलतियों के बारे में

-

हिन्दू धर्म से संबंध रखने वाले लोग नियमित रुप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मगर ऐसा करते समय अक्सर वह कुछ गलतियां कर देते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बता रहें हैं हनुमान चालीसा को ध्यान से पढ़ा जाए तो यह बात साफ़ हो जाती हैं कि गायत्री मंत्र की ही तरह इसमें भी भक्त भगवान से अपने लिए सद्बुद्धि की प्रार्थना करता हैं। आपको बता दें कि आप हनुमान चालीसा से अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा पाना चाहते हैं तो आपको इसे पढ़ते समय यह गलतियां नहीं करनी चाहिए जो लोग अक्सर कर देते हैं। आइये जानते हैं इन गलतियों के बारे में।

ये गलतियां कभी न करें –

avoid these mistakes while chanting hanuman chalisaimage source:

हमेशा याद रखें कि भगवान हनुमान की चालीसा का पाठ आप सदैव स्नान करके तथा साफ़ कपड़े पहन कर ही करें। बहुत से लोग चालीसा का पाठ सामान्य रूप से ही पूरा कर देते हैं, पर जब कभी आप चालीसा का पाठ करें तो गंगाजल से स्नान करने के बाद ही करें। यह भी देखा गया हैं कि भक्त चालीसा का पाठ किसी भी प्रकार के आसन पर बैठ कर लेते हैं, पर आपको बता दें कि भगवान हनुमान को लाल रंग बहुत प्रिय हैं और उनकी हर उपासना लाल रंग के आसान पर बैठ कर ही की जानी चाहिए।

यदि संभव हो तो लाल रंग के वस्त्र भी पहनें। तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं और भगवान राम उनके ही अवतार हैं इसलिए यह भगवान हनुमान को भी प्रिय हैं। अतः जब भी आप अपनी उपासना को पूरा करें तो भगवान हनुमान को तुलसी दल का भोग जरुर लगाएं। चमेली का तेल, जनेऊ तथा सिंदूर भगवान हनुमान को बहुत प्रिय हैं इसलिए भोग लगाने के बाद आप इन चीजों को जरूर अर्पित करें।

वैसे तो मंगलवार या शनिवार को ही आप भगवान हनुमान की चालीसा का पाठ कर सकते हैं, पर यदि संभव हो तो आप नियमित रूप से भी इसका पाठ कर सकते हैं। यह बात भी ध्यान देने योग्य हैं कि भगवान हनुमान की चालीसा का पाठ यदि आप करते हैं तो कम से कम 40 दिन तक लगातार नियमित रूप से करें। इस प्रकार से यदि उपरोक्त बातों का ध्यान रख आप हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो आपको अपने जीवन में इसका शुभ प्रभाव अवश्य दिखाई देगा।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments