आज का इतिहास – अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना, सर सैय्यद अहमद खां ने की थी

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हालांकि आज के दिन विश्व में कई प्रकार की घटनाएं हुई थी जो की काफी यादगार है और रहेंगी भी क्योंकि उन्होंने विश्व के मानस पटल पर अपनी ऐसी छाप छोड़ी है जो की वक्त के पन्नो पर लम्बे समय तक अपना नाम दर्ज़ कराये रहेंगी। वहीं जहां तक अपने देश का सवाल है तो आपको बता दें की देश के युवाओं को शिक्षित करने वाले संस्थानों में आज के दिन एक और नाम जुड़ गया था, जो की आज भी अपनी शिक्षा और अपने शिक्षकों के लिए भारत में काफी प्रसिद्द है और अपना एक अलग स्थान रखता है।

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इस शिक्षा के संस्थान का नाम है “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी”, आज के समय में इस यूनिवर्सिटी का नाम देश का बच्चा-बच्चा जानता है और समय-समय पर इस यूनिवर्सिटी ने हमारे देश को ऐसे कई लोग भी दिए हैं जिन्होंने विश्व पटल पर भारत का नाम ऊंचा किया है। जानकारी के लिए आपको यह बता दें की आज ही के दिन मुस्लिम लेखक, विधिवेत्ता और समाज सुधारक “सर सैय्यद अहमद खां” ने ” ऐंग्लो-मोहमडन ओरिएंटल कॉलेज” की स्थापना की थी, जो की वर्तमान समय में “अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी” के नाम से प्रसिद्ध है।

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सर सैय्यद अहमद खां के विषय में भी आपको कुछ बता दें, सर सैय्यद का जन्म जन्म: 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली में हुआ था। सर सैय्यद को एक महान समाज सेवक और मार्गदर्शक के रूप में देखा जाता है, सर सैय्यद अपने समय के बड़े शिक्षाविदों और लेखकों में से एक थे। सर सैय्यद का विचार था कि लोगों को पारम्परिक शिक्षा को छोड़कर आधुनिक शिक्षा को अपनाना चाहिए क्योंकि उसके बिना कोई भी प्रगति संभव नहीं है यानी की आप यह कह सकते हैं की सर सैय्यद पुराने और पारम्परिक विचारों और शिक्षा पद्दति के खिलाफ थे और समाज को एक नई दिशा धारा में ले जाना चाहते थे इसलिए वे आधुनिक शिक्षा के पैरोकार बने और शायद इसलिए ही उन्होंने ” ऐंग्लो-मोहमडन ओरिएंटल कॉलेज” की स्थापना की जो की बाद में “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी” के नाम से प्रसिद्ध हुआ। सर सैय्यद को आज भी एक महापुरुष के रूप में याद किया जाता है और हिन्दू तथा मुस्लिम दोनो ही समुदायों के लोग सर सैय्यद का आज भी बहुत आदर करते हैं। अपने एक भाषण में सर सैय्यद ने कहा था ” ‘हिन्दू और मुसलमान भारत की दो आंखें हैं”।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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