‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ की जानकारी देकर अपने बच्चों को करें अलर्ट

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मां के आंचल में पली बच्ची सिर्फ अपनी मां की ममता को ही महसूस कर सकती है। वह उसी स्पर्श को जानती है जो उसे उसके परिवार से मिलता है। बाहर की दुनिया से अंजान आपकी बेटी जब बाहर निकलना शुरू करती है तो उसे एक नहीं कई नजरों का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ लोग अच्छे, तो कुछ लोग बुरे भी होते हैं। बच्चों के साथ बढ़ती यौन हिंसा की घटनाएं किसी से छिपी नहीं हैं। आज ना जाने कितने बच्चे यौन शोषण का शिकार होकर अपना बचपन खो रहे हैं और बहुत सी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का शिकार भी हो रहे हैं।

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महिलाओं के प्रति यौन अपराधों के विरोध में एक सशक्त जनमत का निर्माण हो रहा है। महिलाएं भी अब पहले से ज्यादा मुखरता से अपने साथ हुए अपराधों के विरोध में खुलकर सामने आ रही है, पर हमारे समाज में बच्चों के प्रति होने वाली यौन हिंसा के बारे में लोगों का रवैया उदासीन है। तथ्य यह भी हैं कि किसी समाज की संवेदनशीलता का स्तर उसके अपने बच्चों के साथ किये गए व्यवहार से परिलक्षित होता है। यौन हिंसा किसी भी सामजिक स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

आज हमारे लिए अपने बच्चों की सुरक्षा हर तरह से करना जरूरी हो गया है। इसके लिए सबसे बड़ी पहल यही है कि उन्हें ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में बताएं। जिससे वे बाहर हो रही गलत हरकतों को आसानी से समझ सकें और अपने नजदीक खड़े लोगों को अपनी समस्या बता सकें।

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बच्चे को कैसे समझाएं टच के बारे में

गुड टच और बैड टच का मतलब छूने वाले की नीयत से है। जिसमें यह पता चलता है कि कोई शख्स आपको किस नियत से छू रहा है। आपको कोई किस जगह, किस तरीके से छू रहा है इसी से पता चलता है कि वह गुड टच है या बैड टच। हालांकि, इसके बारे में बताने से पहले बच्चे को उसके शरीर के अंगों के बारे में सही जानकारी देना भी जरूरी है।

1. जब भी आपका बच्चा आपको अपनी कोई समस्या बताना चाह रहा है तो उसे डांटकर बिल्कुल ना दबाएं। उसकी भावनाओं को समझते हुए ठोस कदम उठाएं।

2. आपको अपने बच्चे को चार साल की उम्र से ही इस बात का अनुभव करा देना चाहिए कि बाहर कोई शख्स आपके किसी अंग के छूकर अगर छेड़खानी करे तो उसे इस बात की खबर अपने परिजनों को या टीचर को देनी चाहिए। बच्चे को यह समझाने की जरूरत है कि उसे किस पर भरोसा करना चाहिए। उसे समझाएं कि उसे किसी के भी साथ नहीं चले जाना चाहिए। कोई अंजान उसे कुछ खाने को दे तो उसे वह चीज तुरंत मुंह में नहीं डालनी चाहिए।

3. बच्चे से खुलकर बातें करें। उसके अंदर आपसे अपनी बातें कहने में किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि अगर वो आपको कुछ कहेगा तो उसे डांट पड़ सकती है या आप उसकी बात अनसुना कर देंगे।

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4. बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में बताने के दौरान आपको संयम से काम लेना होगा। हो सकता है कि बच्चा चीजों को समझने में वक्त ले। उसे प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं। उसे यह समझाएं कि उसे इस जगह पर पैरेंट्स के अलावा कोई नहीं छू सकता है। अगर कोई पर्सन इन प्राइवेट पार्ट्स से छेड़खानी कर रहा है तो बच्चे को चिल्लाते हुए दूर जाने को कहें। इस बात की जानकारी अपने पास के ही किसी परिचित को देने के लिए बोलें।

5. बच्चे को बताएं कि उसे किसी के भी क्लोज जाने की जरूरत नहीं है। अगर उसे कोई गोद में बिठाने की बात कहे या चूमना चाहे तो वह इनकार कर दे।

6. बच्चे को ये समझाएं कि अगर किसी शख्स का छूना उसे गंदा लग रहा हो तो वो अपने माता-पिता को तुरंत बता दे या फिर तेजी से चिल्ला दे। बच्चे को इस तरह तैयार करें कि वह आप पर पूरा भरोसा करे और अपने साथ होने वाली हर छोटी-बड़ी बात को आपके साथ शेयर करे।

7.आप अपने बच्चों को सुरक्षित करने के लिए उसे एक कोड वर्ड बता दें। जिससे जो भी बच्चे को स्कूल लेने के लिए जाए तो टीचर से माध्यम से बच्चा उससे कोड वर्ड पूछ ले। अगर वह शख्स कोड वर्ड ना बता पाये तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी जा सकती है।

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Pratibha Tripathi
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कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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