फिल्म एयरलिफ्ट आज रिलीज हो गई है। आपको बता दें कि यह फिल्म सन् 1990 में गल्फ देशों के आपसी युद्ध के दौरान वहां फंसे 1 लाख 70 हज़ार भारतीयों को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की घटना पर बनी है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में इंडियन एयरलाइंस के कॉमर्शियल प्लेन द्वारा 500 फ्लाइट से 59 दिन का दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था। इस प्रकार से फिल्म एयरलिफ्ट एक सच्ची घटना पर आधारित है, पर हम यहां आपको बता रहे हैं उस घटना के वक्त के असली हालात, ताकि आप न सिर्फ फिल्म को इंजॉय करें बल्कि यह भी समझ सकें कि उस समय के हालात कैसे थे, कि भारत सरकार को चलाना पड़ा था दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू।
क्यों हुआ था युद्ध
असल में 1990 के उस दौर में ईराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने तेल के लिए अपने पड़ोसी देश कुवैत पर हमला कर दिया था। उस समय सद्दाम हुसैन की शक्ति काफी अधिक थी और उसके इस प्रकार के अचानक हमले से कुवैत की सेना डर गई थी। आखिरकार कुवैत की सेना ने सद्दाम हुसैन की सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। दूसरी ओर कुवैत की रॉयल फैमिली अपनी जान बचा कर सऊदी अरब भाग गई थी। इस दौरान ईराक के फंसे भारतीयों की जान खतरे में थी इसीलिए भारत सरकार ने उनको निकालने का फैसला किया था।
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कैसे किया गया था रेस्क्यू
भारतीय लोगों को वहां से निकालने के लिए उस समय के विदेश मंत्री आईके गुजराल, सद्दाम हुसैन से मिले और भारत के लोगों को ईराक से निकालने के लिए बात की। सद्दाम हुसैन ने इस दौरान अपनी सहमति जताई और भारतीयों को निकालने की इजाजत दे दी थी। इस रेस्क्यू की शुरूआत में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को निकालने लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट की मदद ली गई, पर यह उस समय के हालत को देखते हुए नाकाफी था। इसके बाद भारत सरकार ने इंडियन एयरलाइंस के कॉमर्शियल प्लेन से रेस्क्यू करने का फैसला किया। इसके लिए जॉर्डन की राजधानी अम्मान के एक होटल को रेस्क्यू ऑपरेशन का बेस बनाया गया और जॉर्डन के बॉर्डर को खोल दिया गया ताकि भारत के लोग अम्मान पहुंच सकें। 13 अगस्त से 11 अक्टूबर 1990 यानी 59 दिनों तक यह दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 500 फ्लाइट्स के जरिये पूरा किया गया था, पर फिर भी करीब 10 हज़ार लोगों ने वहीं रहने का फैसला किया था।
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क्या थी गल्फ वॉर
जैसा कि हमने आपको बताया कि ईराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने तेल के लिए कुवैत पर हमला कर दिया था। इस प्रकार के हमले से बहुत से देश नाराज़ हो गए थे। कुल मिलाकर अमेरिका सहित 38 देश सद्दाम हुसैन के खिलाफ हो गए थे। इसीलिए 16 जनवरी 1991 को अमेरिका ने सद्दाम हुसैन के खिलाफ ‘ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म’ चलाया था। इस युद्ध को ही “गल्फ वॉर” के नाम से जाना जाता है।
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फिल्म का रंजीत कत्याल है काल्पनिक पात्र
यहां हम आपको बता दें कि फिल्म एयरलिफ्ट में अक्षय कुमार ने ‘रंजीत कत्याल’ नामक पात्र का अभिनय किया है, जो कि पूरी तरह काल्पनिक है। इस ऑपरेशन में इस प्रकार का कोई व्यक्ति नहीं था।