अपने निराले आईडिया से किसान बना युवाओं का प्रेरणास्त्रोत

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किसी काम को करने की लगन और मेहनत ही वो उपाय है जिसके बल पर दुनिया की हर मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है। इसी मेहनत और लगन की मिसाल भारत के भी कई व्यक्ति हैं। महाराष्ट्र के एक कस्बे में रहने वाले एक किसान ने अपनी लगन से मीठे पानी में मोती की खेती करना शुरू किया और अब वह इसी खेती के जरिए किसी कंपनी के बड़े अधिकारी से भी अधिक कमा रहे हैं।

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बुजुर्गों की नसीहत होती है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। आज के युवा कार्यों की प्रकृति से लोगों के सामाजिक स्तर को आंकते हैं। इन्हीं युवाओं के बीच दुनिया और देश के लिए मिसाल बनने वाले ऐसे कई व्यक्ति हैं जो अपनी लगन से छोटे से कामों के जरिए भी अलग पहचान बना लेते हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में रहने वाले किसान संजय गटाडे ने मीठे पानी में मोतियों की खेती करना शुरू कर दिया है। इस खेती से संजय गटाडे एक ही वर्ष में लाखों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। इससे पहले इस तरह की खेती करने का किसी भी किसान को विचार नहीं आया। संजय अपने जिलेभर में मशहूर हो गए है।

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संजय गटाडे कोई अनपढ़ किसान नहीं हैं। उन्होंने लॉ तक की शिक्षा ग्रहण की है। लॉ करने के बाद उन्होंने वकालत का पेशा न अपना कर पारिवारिक पेशा ही अपनाया और किसान बन गए। संजय गटाडे को बचपन से ही मोतियों का शौक था। इसी शौक के कारण संजय गटाडे ने अपने जिले के एग्रीकल्चर कॉलेज का रुख किया और वहां के एक प्रोफेसर से मीठे पानी में मोती तैयार करने का तरीका सीखा। इसके बाद उन्होंने मोती की खेती करने के लिए 10 बाई 10 फीट का तालाब तैयार किया। इस तालाब में बंद सीपों में मोतियों का बीज डालकर खांचे की मदद से इसे तालाब में डाला जाता है। कुछ महीनों बाद इनमें मोती तैयार हो जाते है। पूरा मोती तैयार होने के लिए करीब छह महीने का समय लगता है।

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मोती तैयार करने के बाद संजय गटाडे ने डिजाइनर मोती बनाने के बारे में सोचा। इसके लिए भी उन्होंने एक तकनीक खोजी। इसके लिए उन्होंने एक विशेष तरह के खांचे तैयार करवाए। जिनकी मदद से मोती में होली क्रॉस साइन, भगवान गणेश और भगवान बुद्ध की आकृति बनाई जाती है। बाजार में यह एक मोती करीब तीन सौ रुपए की बिकता है। अब इस तालाब से संजय हर महीने करीब एक लाख रुपए कमा लेते हैं। इस तरह की खेती करने से अब संजय जिलेभर में मशहूर हो चुके हैं। साथ ही अपनी मेहनत और लगन के चलते युवाओं के लिए प्रेरणादायक स्त्रोत भी बन गए हैं।

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