यह अनोखी बिल्ली कर चुकी हैं अंतरिक्ष यात्रा, अब फ्रांस में लग रही हैं इसकी प्रतिमा

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आपने अभी तक अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले इंसानो के बारे में ही पढ़ा होगा, पर इस यात्रा को एक बिल्ली भी कर चुकी हैं। अब इस बिल्ली की कांस्य प्रतिमा भी लगाई जा रही हैं। यह खबर आपको अनोखी लग रही होगी। आप यह सोच रहें होंगे कि कोई बिल्ली आखिर किस प्रकार से अंतरिक्ष यात्रा कर सकती हैं।

वर्तमान समय में अंतरिक्ष में यात्रा करना बड़े बड़े लोगों के लिए भी दुर्लभ हैं ऐसे में किसी बिल्ली के द्वारा अंतरिक्ष यात्रा करने की बात आसानी से हजम नहीं होती, पर हम आपको बता दें कि यह खबर बिल्कुल सच हैं। अंतरिक्ष यात्रा करने वाली यह एक मात्र बिल्ली है औरं अब इस बिल्ली के सम्मान में फ़्रांस में इसकी कांस्य प्रतिमा लगने जा रही हैं। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इस पूरी खबर के बारे में।

फैलिकेट नामक इस बिल्ली ने की थी यात्रा –

this cat once traveled to space and now a statue to be built in france 2image source:

आपको बता दें कि अंतरिक्ष यात्रा करने वाली इस बिल्ली का नाम ” फैलिकेट” हैं। इसे वैज्ञानिकों ने 18 अक्‍टूबर 1963 में एक रॉकेट में बैठा कर अंतरिक्ष में भेजा था। धरती से 157 किमी की ऊंचाई तक यह रॉकेट गई थी और इस जगह फैलिकेट को भारहीनता का अनुभव कराया गया था। 15 मिनट के बाद ही इस बिल्ली को वैज्ञानिकों ने स्पेस कैप्सूल की मदद से वापस धरती पर उतार लिया था। पृथ्वी पर वापिस आने के बाद भी यह बिल्ली सही और स्वस्थ थी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक कुत्ता, बंदर आदि जंतुओं को क्रमवार से स्पेस में भेजा था।

वर्तमान में फैलिकेट नामक इस बिल्ली की यादों को सहजने के लिए एक विशेष फंड ओपन किया गया हैं। इस फंड के डायरेक्‍टर मैथ्‍यू सर्ज ने इस बारे में बताया कि “हम लोगों को करीब 6 महीने पहले ही इस बिल्ली के द्वारा की गई अंतरिक्ष यात्रा की 50वीं सालगिरह के बारे में पता लगा था। इस बिल्ली के बारे गूगल से काफी जानकारी जुटाई। अब यह एक अच्छा समय हैं, जब हम लोग फैलिकेट के लिए कुछ कर सके और उसको सही से श्रद्धांजलि दी जा सके।”

आपको हम बता दें की सी मिशन के लिए फैलिकेट का चयन 14 अन्य बिल्लियों में से किया गया था। अब फ़्रांस में फैलिकेट की एक कांस्य प्रतिमा लगाने की तैयारी चल रही हैं और इसके लिए 24 हजार पाउंड भी जुटा लिए गए हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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