बहुत सी दरगाहें और कब्र आपने ऐसी देखी ही होंगी जहां लोग पूजा करते हैं और मन्नत मांगते हैं, पर क्या आपने किसी कुत्ते की कब्र पर लोगों को मन्नत मांगते देखा है, यदि नहीं तो आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसे ही कुत्ते की कब्र के बारे में जहां पर जाकर लोग मन्नत मांगते हैं, आइये जानत हैं इस कब्र के बारे में…
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यह कब्र उत्तरप्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र सिकंदराबाद में है, यहां पर सावन तथा नवरात्रों में मेला भी लगता है और दीपावली एवं होली पर भी मेले का आयोजन किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि यहां पर मांगी गई हर दुआ कबूल होती है। आइए अब आपको बताते हैं कि इस कुत्ते की कब्र की पूजा आखिर क्यों करते हैं लोग। असल में ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर 100 साल पहले लटूरिया बाबा रहा करते हैं और उनके साथ में एक कुत्ता भी रहा करता था, कहा जाता है की बाबा एक सिद्व पुरुष थे, पर उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण सही से दिखाई नहीं पड़ता था, ऐसे में बाबा अपने कुत्ते का सहारा लेते थे और जब उनको कोई भी सामान मंगाना होता था, तो वे उसके गले में थैला लटका देते थे और वह कुत्ता बाजार से सामान ले आता था। 100 वर्ष पहले जब बाबा लटूरिया ने समाधी ली तो कुत्ता भी उनकी कब्र में कूद गया, उसको लोगों ने बाबा की कब्र से निकाला पर वह फिर से कूद गया। माना जाता है कि बाबा लटूरिया ने कहा था कि मेरी पूजा से पहले इस कुत्ते की पूजा होगी। बाबा के समाधी लेने के बाद में कुत्ते ने खाना-पीना छोड़ दिया और कुछ समय बाद वह भी मर गया। गांव के लोगों ने इस कुत्ते की कब्र बनवा दी और आज बाबा की कही बात के मुताबिक कुत्ते की पूजा बाबा से पहले की जाती है, लोगों की मान्यता है कि यहां आकर उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
