आज का समय कंप्यूटर का युग है और इसकी वजह से ही आज हम बहुत तेजी से विकास कर रहें हैं, पर क्या आप जानते हैं कि आज से 2 हजार वर्ष पहले भी सुपर कंप्यूटर चलता था।
जी हां, हालही में 2 हजार वर्ष पहले के कंप्यूटर के कोड को डिकोड किया गया है। देखा जाए तो यह खबर काफी चौंकाने वाली है, क्योंकि कंप्यूटर का अविष्कार तो कुछ ही समय पहले हुआ है, ऐसे में 2 हजार वर्ष पहले किसी कंप्यूटर के अविष्कार की बात गले नहीं उतरती, पर हम आपको बता दें कि यह खबर बिल्कुल सच्ची है। आइये जानते हैं इस खबर के बारे में विस्तार से।
असल में आज से 116 वर्ष पहले कुछ गोताखोरों को समुद्र में डूबे एक जहाज से इस कंप्यूटर के कुछ अवशेष मिले थे। यह सन् 1900 की बात है। समुद्र में मिले इस कंप्यूटर के अवशेषों की जांच के बाद में इस कंप्यूटर की तकनीक को ‘एंटीकायथेरा मैकेनिज्म’ का नाम दिया गया।
पूरी एक सदी से इस कंप्यूटर पर शोध चल रहा था और अब इस शोध का पहला चरण पूरा कर लिया गया है, जिसके तहत इस सबसे पुराने खगोल कंप्यूटर के एक हिस्से को डिकोड़ कर लिया गया है और अभी इस पर रिसर्च चल रही है।
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आपको हम बता दें कि यह प्राचीन सुपर कंप्यूटर युनानियों के लिए चंद्रमा, सूर्य तथा अन्य ग्रहों का चार्ट बनाने में मदद करता था। जिसके कारण उनको ग्रहों की सही स्थिति प्राप्त होती थी तथा उनको भविष्य का सही अनुमान लगता है। इस कंप्यूटर के 832 टुकड़े अभी तक मिले है और इसके सभी टुकड़े कांसे की धातु से बने है और उन पर काफी बारीक शब्दों में अलग-अलग कोड लिखे हैं, जिनको माइक्रोस्कोप से ही पढ़ा जा सकता है।
इस पुरातन खगोल सुपर कंप्यूटर से चंद्र ग्रहण तथा सूर्य ग्रहण की भी जानकारी मिलती थी। इस कंप्यूटर पर अभी वैज्ञानिक इसके अन्य लिखे कोड को सुलझाने में लगे हुए हैं, पर अभी तक यह पता नहीं लग सका है कि यह आखिर किस प्रकार से गणना करता था, लेकिन इस कंप्यूटर से मिलने से एक बात साफ हो गई है कि आज से पहले भी लोगों में विज्ञान की जानकारी थी और वे उसका उपयोग करते थे।