आपने लोगों को अभी तक मंदिरों तथा अलग-अलग धार्मिक स्थानों पर ही पूजा करते हुए देखा होगा, पर आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जहां पर महिलाएं रेलवे ट्रैक की पूजा करती हैं। जी हां, यह सच है आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बता रहें हैं जहां की महिलाएं रेलवे ट्रैक की पूजा करती हैं, पर सवाल यह उठता है कि आखिर ये महिलाएं ऐसा करती क्यों हैं, तो आज हम आपको बता रहें हैं इस बारे में।
इस स्थान का नाम है “अथमलगोला”, यह स्थान पटना से महज 55 किमी की दूरी पर है। इस इलाके में मिल्कीचक और सरवरपुर नामक दो गांव है जो की एक दूसरे के आमने सामने ही हैं। इन दोनों गांवों के बीच से कोलकाता-पटना की मुख्य रेलवे लाइन गुजरती है और इन दोनों गांवों की महिलाएं जब सुबह रेलवे लाइन के पास स्थित मंदिर में आती है तो वह मंदिर जाते समय इस रेलवे लाइन की भी पूजा करती हैं।
image source:
असल में इन दोनों गांवों के बीच में रेलवे लाइन पर वर्षों पहले एक गेट हुआ करता था और जब कोई रेल आती थी, तो इस गेट को बंद कर दिया जाता था, पर वक्त के साथ यह गेट जर्जर हो गया तथा टूट गया और तब से यह रेलवे क्रॉसिंग बिना गेट का है। दोनों गांवों के लोग रोज इस रेलवे ट्रैक को पार करके अपने काम पर जाते हैं तथा बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं और वर्ष भर में इस स्थान पर करीब आधा दर्जन लोग रेल की चपेट में आ जाते हैं।
इस रलवे ट्रैक पर दरवाजा लगाने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन हुए, कई बार मंत्रियो ने भी राज्य सरकार से गुहार लगाई, पर गांव वालों के हाथ कुछ न आ पाया, इसलिए ऐसी स्थिति लोगों को लगा कि उन्हें अब सिर्फ भगवान का ही सहारा और इसलिए ही इन दोनों गांवों की महिलाएं भगवान से प्रार्थना करने के बाद अपने घर के सदस्यों तथा बच्चों की कुशलता के लिए इस रेलवे ट्रैक की पूजा रोज सुबह करती हैं।