आज के समय में मिडिया की बात करे, तो यह एक ऐसा रास्ता बन गया है जहां पर एक आम इंसान भी उनके सहारे आसमान की ऊचाई को पार कर सकता है। क्योकि आज के समय में मिडिया के लोग सिर्फ पैसे को देखकर अच्छा बुरा होने की तुलना करते है अभी हाल ही आपने देखा होगा कि समाज के कितने ढोगीं बाबा सलाखों के पीछे खड़े अपनी सजा भोग रहे है। इन्हें इतने उपर उठाने वाला आखिर कौन था ? एक पत्रकार या लेखक का फ़र्ज़ होता है। कि समाज में होने वाले गलत कामों को अपनी कलम की ताकत बन उसका विरोध करें, और निडर होकर लिखें।
फिल्म इंड्रस्टी हो या छोटे पर्दे के लोग इन्हें आगे बढ़ानें मे मिडिया का ही हाथ होता है। इनके सभी बुरे कारनामों को छुपानें में सबसे अहम भूमिका अदा करता है। जरूरी नही है कि ये एक्टर जो रोल प्ले करते हो वो सभी को ही पसंद आये और सब ही उनकी तारीफ करें। चाहे वो उन्हे पसंद हो या ना हो। यदि उनकी तारीफ ना की जाये तो अभी हाल ही में कपिल शर्मा के घटीया बोल नें यह साबित कर दिखाया है कि जैसे उनके तीखे बोल है बैसे ही उनकी खटिया सोच है।
आज हम आपको कुछ ऐसे ही शब्दों के बारें में बता रहे है जिनकी सोच नें कर दिया है हर महिलाओं की इज्जत को तार तार कुछ समय पहले कपिल शर्मा की एक फिल्म फिंरगी रिलीज हुई थी। इस फिल्म को देखने के बाद एंटरटेनमेंट वेबसाइट स्पॉटबॉय–ई के एडिटर विकी लालवानी ने भी इस फिल्म को देखने के बाद उसकी कुछ समीक्षा लिख डाली। फिर क्या था कपिल शर्मा को उनकी बुराई रास ना आई क्योकि विकी लालवानी को फिल्म पसंद ना आने के बाद भी उसकी अच्छाई के बारें में नही लिखा। कपिल शर्मा एक ऐसे शख्स है जो अपने सेट पर किसी की भी बेइज्जती कर सकते है अगर उनकी कोई बुराई करें तो उनका गुस्सा सातंवे आसमान पर चढ़ जाता है। जैसा कि विकि लालवानी के साथ हुआ। उन्होंने विकी लालवानी को फोन कर ये धमकी देते हुए कहा कि वो उनकी मां और बहन का रेप करेंगा. क्या महिलाओं के लिये ‘रेप’ का उपयोग करना एक मजाक बन चुका है कि कोई भी मर्द अपनी मर्दागनी सिर्फ इन्ही शब्दों से चुका सकता है।
कपिल ने विकी को फोन पर यह तक कहा कि विकी की बेटी उसके साथ सोना चाहती है और अगर विकी पैसे चाहते हैं तो अपनी बेटी बेच दें। इस बात से आप समझ सकते हैा कि कपिल की घटिया सोच किसी पुरुष को नीचा दिखाने के लिए उसकी बेटी, मां और बहन के प्रति कितनी गिर सकती है। ये बात यहीं खत्म नही होती। आज के समय का वो जाना माना चेहरा जिसने फिल्म इडंस्ट्री में ही नही देश विदेश भी अपने नाम की धूम मचाई है। जिन्हे बच्चा बच्चा भाईजान के नाम से और सलमान खान के नाम से जानता है। पर यदि आप उनकी सोच के बारें में सुनेगें तो आप भी सोच में पड़ जायेगे।
ये बात साल 2005 है, जब एक न्यूज़ चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन में (एक्टर अमन वर्मा) को कास्टिंग काउच, यानी फिल्म में काम दिलाने का वादा कर लड़की को सेक्स के लिए मजबूर करते देखा था। तब सलमान ही उनके बीच बचाव के लिए पहुचे थें और मीडिया से ये कहा था कि जब अमन वर्मा ने न तो अपनी पैंट की ज़िप खोली, न ही शर्ट के बटन खोले, तो रेप के नाम पर इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है. क्या जब तक पैंट की जिप ना खुली मिले तब तक यौन शोषण के होने को न होना मानना चाहिए? क्या रेप वाला जब तक इस हालत में ना मिले तो वो रेपिस्ट नही कहलाया जायेगा।
सलमान को वो शब्द अभी कोई नही भूला है कि ‘सुल्तान’ फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होने आप को रेप हुई औरत सा बताया था। रेप जैसे शब्द का मजाक बनाने वाले सलमान से पूछो कि क्या उन्हें इस रोल के बाद जीवन भर के लिए डिप्रेशन में गए थे क्या वो भी अपना जीवन खत्म करना चाहते थे ? क्या उनको भी लोग बुरी नजरों से देखते थे क्योंकि उनकी ‘इज्ज़त’ लुट गई थी ? क्योंकि लड़कियों के साथ रेप के बाद ऐसा ही होता ।
एक इंसान को महिलाओं का मजाक बनाना भले ही अच्छा लगता हो पर वो नही जानते कि अंधेरे की पहचान रौशनी के बिना नहीं होती, इसलिए कपिल को ये कहते हुए ज़रा भी बुरा नहीं लगता कि वो किसी की मां का रेप करेंगे। पर कपिल ने अभी तक पैंट की ज़िप या शर्ट के बटन नहीं खोले हैं।