बाजार में बहुत से ऐसे दवा विक्रेता हैं, जो नकली दवाईयां बेचते हैं। वर्तमान समय में सरकार एक ऐसी योजना शुरू कर रही है जिससे आप खुद ही इन नकली दवाओं की पहचान कर सकेंगे। आपको बता दें कि इस योजना के तहत घरेलू दवाओं की पैकिंग पर एक यूनिक कोड प्रिंट किया जायेगा। इस कोड को SMS की सहायता से सेंड कर आप असली तथा नकली दवाओं की पहचान कुछ ही सेकेंड में आसानी से कर सकते हैं।
इस प्रकार होगी दवाओं की पहचान –
Image source:
आने वाले समय में दवाओं के पैकेट पर 14 नंबर का एक यूनिक कोड प्रिंट किया जायेगा। इस कोड में दवा के ओरिजिन से लेकेर सप्लाई चेन तक की पूरी जानकारी होगी। यदि कोई ग्राहक दवा लेने से पहले इस यूनिक कोड को SMS की सहायता से सैंड करेगा तो उसको चंद सेकेंड में दवाई से जुड़ी पूरी जानकारी मिल जाएगी। इस प्रकार से कोई भी व्यक्ति नकली दवा लेने से बच जायेगा। आपको यह भी बता दें कि देश की सबसे बड़ी एडवाइजरी बॉडी जल्दी ही नकली दवाओं की रोकथाम पर चर्चा करेगी।
डाटा बैंक बनाने की है योजना –
Image source:
सरकार ने दवाओं का डाटा बैंक बनाने का विचार बनाया है। इसके लिए सरकार वर्तमान में 300 दवा के ब्रांडो तथा उनके कंजम्पशन पैटर्न का डाटा बैंक बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इसके बाद दवा कंपनियों को उनके प्रत्येक पैकेट पर एक 14 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड प्रिंट करने को बोला जायेगा। बात यदि नकली बात की चली ही है तो बता दें कि अक्सर बाजार में नकली दवाओं के बेचने की शिकायते मिलती रहती हैं। दवा के पैकेट पर यूनिक कोड होने से केमिस्ट खुद ही असली तथा नकली दवा की पहचान आसानी से कर सकता है। इस प्रकार से दवा बेचने वाला केमिस्ट तथा दवाई खरीदने वाला ग्राहक दोनों की एक SMS की सहायता से असली तथा नकली दवा में फर्क कर खुद को बचा सकेंगे।