25 मई के इतिहास में कई अहम घटनाएं हुई थी जिसमें अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा यानी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस ने एक रोबोट मंगल ग्रह भेजा गया था। जो कि 25 मई 2008 में मंगल ग्रह पहुंचा था। दरअसल रोबोट फीनिक्स लैंडर को मंगल के बारें में जानकारी लेने के लिए भेजा गया था। आपको बता दें कि फीनिक्स के दो उद्देश्य है पहला ग्रह पर पानी की भूगर्भीय इतिहास का पता करना ताकि पुराने जलवायु बदलाव की कुंजी मिल सके। वहीं इसका दूसरा लक्ष्य ग्रह पर जीवन की संभावना का पता लगाना है। जसके चलते रोबोट से नासा को मंगल के ध्रुवों की कई जानकारी हाथ लगी।
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शुरुआती अभियान के दौरान मंगल के 90 दिन चलने की आशा थी। वहां के 90 दिन धरती के 92 दिन के बराबर होते है। लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि इस रोबोट का जीवन 2 महीने ज्यादा चला। इसके बाद रोबोट मंगल के अंधेरे और सर्दी का शिकार हो गया लेकिन वैज्ञानिकों का ये मानना था कि वो सर्दियों को झेल लेगा और मंगल ग्रह पर बर्फ बनने के नजारे को नोट कर लेगा। लेकिन रोबोट सर्दी में पूरे समय तक नहीं टिक सका।
ये मंगल अभियान एरिजोना यूनिवर्सिटी के लूनार प्लानेटरी लैबोरेटरी और नासा के जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के निर्देशन की अध्यक्षता में किया गया था। इसमें अमेरिका, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, डेनमार्क और ब्रिटेन के वैज्ञानिक शामिल हुए थे। आपको बता दें कि इस अभियान में कोई भी सरकारी विश्वविद्यालय शामिल नहीं हुए थे।