जयगढ़ किला- जो अपने अदंर दबाए बैठा है बेशकीमती खजाने का रहस्य

0
1465
जयगढ़ किला

राजस्थान की धरती को वीरों की धरती कहा जाता है। यह धरती आज भी अपने में पराक्रम, शौर्य तथा बलिदान की अनेक ऐतिहासिक कथाओं को समेटे हुए हैं। राजस्थान की जब कभी बात चलती है तो आंखों के सामने ऊंचे ऊंचे भव्य दुर्ग तथा किलो की तस्वीरें अकस्मात ही उतर आती है। राजस्थान में अनेक किले हैं लेकिन आज हम आपको जिस किले के बारे में बता रहें हैं। वह आज तक अपने में एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। इस किले का नाम जयगढ़ दुर्ग या जयगढ़ किला है।

खजाने की हुई थी तलाश –

खजाने की हुई थी तलाश Image source:

माना जाता है कि इस जयगढ़ दुर्ग में पुराने समय का खजाना छुपा हुआ है। इस कारण इस किले में सरकार ने भी बकायदा खजाने की खोज कराई थी। आपको बता दें कि जिस समय इंद्रा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। उस दौरान साल 1975 में देश में इमरजेंसी लगाईं गई थी। इसी बीच सरकार द्वारा किले में खजाने की खोज कराई गई थी। यह खोज 10 जून 1975 में प्रारंभ हुई थी तथा 1996 में खत्म हुई थी। इस खोज के बादमें सरकार ने यह घोषणा की थी कि किले में कोई खजाना नहीं है। लेकिन सरकार के इस संदेश पर लोग शक जताने लगें। कारण था जिस समय सरकार ने खोज को खत्म किया था। उस समय एक दिन के लिए जयपुर दिल्ली हाइवे को बंद कर दिया गया था। लोगों का कहना था कि उसी दौरान खजाने को ट्रकों में भर कर इस रास्ते के जरिये दिल्ली लाया गया था और सरकार उसको लोगों की निगाहों से छुपाना चाहती थी।

पाकिस्तान ने जताया था अपना हक –

पाकिस्तान ने जताया था अपना हक Image source:

आपको बता दें कि जिस समय जयगढ़ किले में खोज समाप्त हुई थी। उसी समय लोगों में इस किले के खजाने की बात धीरे धीरे फैल गई थी। यह बात पाकिस्तान तक भी जा पहुंची। उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो थी। उन्होंने इंद्रा गांधी को पत्र लिख कर इस खजाने पर पाकिस्तान के हक की बात करते हुए लिखा था “बटवारे के समय पाकिस्तान को ऐसे किसी खजाने की बात पता नहीं थी और बटवारे की नीतियों के तहत इस खजाने पर पाकिस्तान का भी हक बनता है।” मगर इंदरा गांधी की ओर से भुट्टो को इस पत्र का कोई भी जवाब नहीं दिया।

लेकिन जब कई सरकारी अधिकार खजाना ढूंढने में असफल रहे तो इंद्रा गांधी ने 31 दिसम्बर 1976 को भुट्टो को पत्र लिख कर कहा कि “विशेषज्ञों के अनुसार इस खजाने पर पाकिस्तान का कोई हक नहीं बनता।” ऐसे में यहां सवाल यह उठता है कि सरकार को जब कोई खजाना मिला ही मिला तो वह गया कहां। आखिर एक दिन के लिए जयपुर-दिल्ली हाइवे क्यों बंद कराया गया था। इस प्रकार के अन्य कई सवाल हैं जिनके जवाब आज तक नहीं मिल पाएं। खैर आज भी यह जयगढ़ किला लोगों के लिए एक रहस्यमय पहेली बना हुआ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here