इस मंदिर में जाने पर उतर जाता है “आशिकी का भूत”

-

ऐसे बहुत से धार्मिक स्थान हमारे देश में हैं जहां पर जाने से लोगों को बहुत सी परेशानियों से निजात मिलती है। इन स्थानों को ध्यान से देखें तो यहां किसी न किसी दिव्य ऊर्जा का संरक्षण होता है। अलग-अलग धर्म के इस प्रकार के कई स्थान आज हमारे देश में हैं जहां लोग अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार जाते हैं। ऐसा ही एक स्थान है “मेहंदीपुर बालाजी धाम” जो कि राजस्थान के मेहंदीपुर नामक नगर में स्थित है। इस स्थान पर हनुमान जी का विशाल मंदिर है। यहां पर अधिकतर वो लोग आते हैं जिनको किसी न किसी आत्मा या रूहानी ताकत ने परेशान कर रखा होता है। यहां आकर लोग अपनी परेशानी से आजाद हो जाते हैं, लेकिन आज हम आपके सामने जिस स्थान का जिक्र कर रहे हैं वहां भी लोगों के सिर से भूत उतारा जाता है, पर वह भूत होता है “आशिकी का भूत।” आइये जानते हैं इस मंदिर की खासियत।

कहां स्थित है यह मंदिर –

hanumanImage Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

जानकारी के लिए आपको सबसे पहले यह बता दें कि “मेहंदीपुर बालाजी धाम” की तरह ही यह मंदिर भी हनुमान के बाल स्वरूप “बाला जी” का है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बेहट रोड पर स्थित है। इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार में विशेष पूजा का आयोजन होता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में ऐसे युवक और युवतियों को लाया जाता है जिनके सिर पर “प्यार का भूत” सवार होता है। इस मंदिर में बाला जी अपनी सहयोगी शक्तियों “प्रेतराज सरकार” और “काल भैरव” के साथ हैं। बहुत से माता-पिता यहां पर अपने बच्चों के साथ में उनके सिर से “प्यार का भूत” उतरवाने के लिए आते हैं। हालांकि इसके अलावा भी बहुत से लोग अपनी कई प्रकार की समस्याओं को लेकर यहां अर्जी लगाते हैं।

किसने बनवाया था यह मंदिर –

hanuman2Image Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

इस मंदिर के संस्‍थापक अतुल जोशी महाराज हैं और वही शनिवार व मंगलवार को यहां पर विशेष पूजा करते हैं। कई बार युवक और युवतियों की समस्या के समाधान के लिए उनके परिजनों से अतुल जोशी महाराज विशेष पूजन कराते हैं। इस प्रकार के पूजन में युवक और युवती के परिजन ही होते हैं। इस दौरान जोशी महाराज युवाओं के परिजनों को कुछ उपाय भी बताते हैं। युवक, युवती के परिजनों की मानें तो इन उपायों को करने से उनकी समस्या का समाधान हो जाता है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments