वृंदावन में दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर का निर्माण शुरू

0
723

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का खिताब दुबई में स्थित बुर्जी खलीफा के नाम है, लेकिन बता दें कि ये इमारत अब तक दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बेशक रही हो पर ये इमारत अब ज्यादा समय तक अपनी खासियत को बरकरार नहीं रख पाएगी। अब इस इमारत को टक्कर देने के लिए कान्हा की नगरी वृदांवन में इससे भी ऊंची इमारत बनने जा रही है, जो आसमान से बातें करेगी। बता दें कि वृंदावन में दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है, जिसका निर्माण शुरू हो चुका है। यह विश्व की सबसे ऊंची इमारत भी होगी।

इस मंदिर को लेकर तैयारियां साल 2006 में ही शुरू हो चुकी हैं। इसके पूरे होने की संभावना साल 2022 तक है। इस्कॉन संस्था द्वारा बनवाये जा रहे इस पिरामिड के आकार के मंदिर का नाम चंद्रोदय है, जो कि 70 मंजिला होगा, साथ ही इसकी ऊंचाई 201 मीटर की होगी।

1Image Source: http://www.cimg.in/

इस मंदिर में क्या है खास-

इस 70 मंजिला मंदिर की खासियत ये है कि इसके शुरूआत के तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा-कृष्ण, बलराम का मंदिर होगा। इसके अलावा अन्य मंजिलों पर आने वाले आगंतुकों के लिए टेलिस्कोप, गैलरी और अन्य सुविधाएं होंगी, जो मंदिर के आस-पास के धार्मिक स्थलों से जुड़ने के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगी। इस मंदिर में लगने वाली लिफ्ट के बारे में बता दें कि उसकी स्पीड 8 मीटर प्रति 2 सेकेंड होगी, जो कि इमारत के टेढ़ा होने के बावजूद भी सीधी ही चलेगी।

2Image Source: http://bsmedia.business-standard.com/

नींव में भी बुर्ज खलीफा को टक्कर देगा मंदिर-

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा की गहराई मात्र 50 मीटर ही है, लेकिन वृंदावन में बनने वाला चंद्रोदय मंदिर उसे गहराई में भी टक्कर देने वाला है। इस मंदिर की गहराई 55 मीटर गहरी होगी, जो की बुर्ज खलीफा से 5 मीटर ज्यादा है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के हिसाब से भी इस मंदिर को काफी मजबूत बनाया जा रहा है। ये मंदिर 8 रिक्टर स्केल से ज्यादा तीव्रता के भूकंप के झटके को आसानी से झेल सकता है। ऐसे भूकंप के झटके इस मंदिर का कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे। इसके अलावा इस मंदिर में जिस कांच और अन्य सामान का प्रयोग किया जा रहा है वह भी भूकंपरोधी ही है।

साथ ही इस मंदिर में 511 पिलर लगेंगे। जिनकी क्षमता 9 लाख टन भार सहने की है, जो कि 170 किलोमीटर की तीव्रता से आए भूकंप को भी आसानी से झेलने में सक्षम होंगे।

3Image Source: http://vcm.org.in/

मॉर्डन मंदिर में 4डी से होंगे दर्शन-

वैसे तो इस मंदिर को परंपरागत द्रविड़ और नागर शैली में ही बनाया जा रहा है, लेकिन अगर इसे सबसे मॉर्डन मंदिर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दुनिया में सबसे ऊंचा बनने वाला ये मंदिर 200 सालों में अब तक का सबसे मॉर्डन मंदिर कहलाया जा सकता है, क्योंकि इसमे देवलोक और देव लीलाओं के दर्शन करने के लिए 4डी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि अपने आप में काफी अनूठा है। साथ ही इस मंदिर के आस-पास प्राकृतिक वनों का वातावरण भी तैयार किया जा रहा है।

यही नहीं यहां यमुना जी की तरह ही नदी तैयार कर उसमें नौका विहार जैसी सुविधाएं मिलेंगी। वहीं अगर किसी को कान्हा की जीवन लीलाओं को जानने के लिए कुछ पढ़ना है तो इसमें लाइब्रेरी की सुविधा भी दी जाएगी। साथ ही 10 एकड़ में अंडरग्राउंड पार्किंग भी बनाई जाएगी। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी मंदिर में मिलेंगी। बता दें कि इस मंदिर को बनने में करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

4Image Source: http://krishnabhumi.in/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here