अक्सर आपने ऐसा सुना होगा कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के लिए अपराध करने वालों की गलत मानसिकता के बजाय महिलाओं के परिधान को ही जिम्मेदार ठहराया जाने लगता है। ऐसे में लड़कियों के परिधानों को लेकर आए दिन किसी ना किसी तरह के तुगलकी फरमान सुनाए जाते रहे हैं। आमतौर पर अब तक ऐसा किसी संगठन, समुदाय या खाप पंचायतों द्वारा ही किया जाता था, लेकिन अब शासन-प्रशासन ने भी ऐसे बेतुके फरमान जारी करने शुरू कर दिए हैं। जी हां, कुछ ऐसा ही किया है चंड़ीगढ़ प्रशासन ने।
जानकारी के लिए ये बता दें कि यदि आप एक लड़की हैं और आप चंडीगढ़ में रहती हैं तो आप अब किसी भी डिस्कोथेक में शॉर्ट स्कर्ट पहन कर नहीं जा पाएंगी। चंडीगढ़ के प्रशासन ने यह बैन लगाया है। जारी निर्देश के अनुसार लड़कियों को डिस्को में शालीन कपड़े पहन कर जाने की सलाह दी गई है। बहुत से लोग प्रशासन के इस फैसले को लड़कियों की स्वतंत्रता पर बैन लगाने जैसा मान रहे हैं तो बहुत से लोग इसे सीधे तौर पर मानवाधिकारों पर जबरन अपना अधिकार जमाना बता रहे हैं।
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‘कंट्रोलिंग ऑफ प्लेसेस ऑफ पब्लिक एम्यूजमेंट, 2016’ के तहत चंडीगढ़ प्रशासन लड़कियों के छोटे कपड़े पहन कर डिस्को में जाने पर रोक लगा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि यह नियम 1 अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। इस पॉलिसी के तहत लड़कियों के कपड़ों को इन्डीसेंसी और भड़काऊ होने के नाम पर यह बैन लगाया जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि इसके चलते ही डिस्कोथेक्स में कुछ एंटी-नेशनल एलीमेंट्स को भी बढ़ावा मिल रहा है। इस पॉलिसी के अनुसार अब डिस्को आदि के टाइम को भी 2 घंटे कम कर दिया गया है यानी अब रात को 2 नहीं बल्कि 12 बजे तक ही डिस्कोथेक खुलेंगे।
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इस नियम के अनुसार यदि कोई क्लब या डिस्कोथेक किसी लड़की को ‘भड़काऊ या इन्डीसेंट ड्रेस’ में एंट्री देने को राजी होता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और फिर से रिन्यू नहीं किया जाएगा। बहुत से डिस्कोथेक और क्लब आदि के मालिक इस पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि महिलाएं क्या पहनें और क्या नहीं, यह क्या अब प्रशासन तय करेगा।