अपने देश की सेना के सैनिको की वीरता को भला कौन नहीं जानता। आज हम आपको एक ऐसे ही सैनिक की वो असल कहानी बताने जा रहें हैं जिस पर फिल्म बन रही है। इस शहीद का नाम शहीद जसवंत सिंह रावत है। शहीद जसवंत सिंह 1962 के भारत-चीन युद्ध में अकेले ही 72 घंटों तक लड़ते रहे थे और उन्होंने अकेले ही 300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था। आज भी वे देश के लोगों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। आपको बता दें कि जसवंत सिंह ने युद्ध में अकेले चीन को धूल चटा कर अरुणाचल प्रदेश पर चीनियों का कब्ज़ा होने से रोका था। अरुणाचल प्रदेश में आज भी उनके सम्मान में “जसवंतगढ़ वॉर मेमोरियल” नामक स्थान बना है। वहां पर जसवंत सिंह के सम्मान में आज भी 5 सैनिक खड़े रहते हैं। आज भी उनके कपड़ों पर प्रेस की जाती है तथा उनके जूतों पर पोलिश होती है।
जसवंत सिंह पर बनने वाली है फिल्म
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शहीद जसवंत सिंह रावत के जीवन पर कुछ ही समय पहले एक फिल्म की तैयारी हुई थी। वर्तमान में यह फिल्म रोक दी गई है। कारण है शहीद जसवंत सिंह के परिजनों की आपत्ति। आपको बता दें कि शहीद जसवंत सिंह के परिवार के लोगों ने इस फिल्म पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि “फिल्म की स्टोरी उनकी निजता का उलंघन है तथा कहानी पर भी उनका कॉपीराइट है।” अब यह मामला कोर्ट में चला गया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि ‘वह युद्ध के एक हीरों थे और किसी की भी जीवन गाथा पर किसी का कॉपीराइट कैसे हो सकता है जब की वह प्रकाशित ही नहीं हुई हो।” अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई के 21 फरवरी की तय की है। कुल मिलाकर अब केस कोर्ट में फंस गया है और इस कारण फिल्म भी आगे बनने से रुक गई है। अब देखना यह होगा कि कब तक केस का अंतिम फैसला आता है और क्या फिल्म आगे बन पाती है या नहीं।