हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं हैं। आज भी समय समय पर लोग नई नई चीजों का आविष्कार कर अपने हुनर व काबलियत का प्रमाण देते हैं। इनमें से कुछ लोग कम पढ़ें लिखे या कम उम्र के भी होते हैं। आज हम आपको जिस स्पैशल साईकिल के बारे में बता रहें हैं उसका निर्माण स्कूल में पढ़ रहें छात्रों ने किया हैं। इस साईकिल के आविष्कार में उतनी ही कीमत लगी हैं जितने में बाजार से एक नई साईकिल आ जाती हैं लेकिन इसकी अपनी कुछ खूबियां हैं। जो इसे बाकी सब से खास बनाती हैं।
खूबियों की बात करें तो आप इस साइकिल को बैटरी तथा पेट्रोल किसी से भी चला सकते हैं। इसकी एक खूबी यह भी हैं कि इसके चलने से इसकी बैटरी स्वयं ही चार्ज होती रहती हैं। जो की आगे के सफर में मददगार बनती हैं। इसका निर्माण 10वीं क्लास में पढ़ने वाले चार छात्रों ने किया हैं।
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आपको बता दें कि रायपुर (छत्तीसगढ़) के सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल में इन दिनों साइंस एक्जीविशन चल रही हैं। इस साइंस एक्जीविशन में बहुत से छात्रों ने अपने बनाये मॉडल्स प्रर्दशनी में लगाएं हैं। इसी में यह ख़ास साईकिल भी रखी गई हैं। इस साईकिल को यमन राव, गौरव जैन, यासिर खान तथा शान अहमद ने बनाया हैं। इस दौरान इन्होंने बताया कि एक दिन स्कूल से घर जाते हुए पुरानी लूना मोपेड को देख कर उनके मन में इसे बनाने का आइडिया आया था। इसको बनाने में 10 से 15 दिन का समय लगा।
इसकी खूबियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलती हैं। इसमें एक जेनरेटर भी लगा हैं जिसकी बिजली से यह साईकिल चलती हैं तथा इस की बैटरी भी खुद से चार्ज होती रहती है। आपको बता दें की इस साइंस एक्जीविशन में बच्चों द्वारा हाईड्रोलिक सिटी, लीटर ऑफ लाईट जैसे मॉडल भी बनाये गए थे जिनसे ऊर्जा को बचाने की प्रेरणा मिलती हैं।