विश्व क्रिकेट की दुनिया में सचिन एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं। सचिन ने अपने कैरियर में कई बड़े रिकॉड्र्स अपने नाम किए हैं, लेकिन खेल और मैदान से दूर होने के बाद भी सचिन का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला थमा नहीं है। इस क्रिकेटर की खूबियां यह भी हैं कि बिना बल्ला उठाए भी यह रिकॉर्ड कायम कर सकता है। सचिन की आत्मकथा पर लिखी गई पुस्तक ‘प्लेइंग इट माई वे’ ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब का दर्जा हासिल कर नया कीर्तिमान हासिल किया है।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने खेल से अलविदा ले लिया है, लेकिन इसके बाद भी वह प्रशंसकों के चहते बने हुए हैं। इसी कारण इन्होंने बिना बल्ला उठाए भी एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा वाली किताब प्लेइंग इट माई वे ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स में गैर कथा वर्ग में सबसे ज्यादा बिकने वाली पेपरबैक किताब का रिकॉर्ड बना लिया है। इस किताब को हैचेट इंडिया ने प्रकाशित किया है। नवंबर 2014 की छह तारीख को इस किताब को बाजार में लाया गया था। सचिन की इस पुस्तक ने गैर कथा आधारित वर्ग में वयस्क और कथा आधारित दोनों ही वर्ग के पेपरबैक में सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस पुस्तक की अभी तक 150283 प्रतियां बिक चुकी हैं।
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वहीं, इस किताब के पहले ही दिन के प्री ऑर्डर और लाइफटाइम सेल्स दोनों के ऑर्डर सबसे ज्यादा हैं। इस पुस्तक ने विश्व के शीर्ष वयस्क हार्डबैक डैन ब्राउन की इनफर्नो, जेके रॉलिंग की पुस्तक कैजुअल वैकेंसी और वाल्टर इसाकसन की पुस्तक स्टीव जॉब्स को भी पीछे कर दिया है। इस पुस्तक के सह लेखक बोरिया मजूमदार हैं। इस पुस्तक की कीमत 899 रुपए है, जिससे अभी तक 13.51 करोड़ रुपयों की कमाई हुई है। इस किताब ने खुदरा मूल्य मामले में भी रिकॉर्ड कायम किया है।