ईरान में दो कवियों को एक सम्मलेन के दौरान अपोजिट जेंडर के लेखकों से हाथ मिलाने और कविताओं के जरिए देश की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने के इल्जाम में सजा सुनाई गई है। इस सजा के मुताबिक फातिमा एख्तेसरी को साढ़े 11 साल और मेहंदी मोउसावी को 9 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दोनों को 99 कोड़े भी मारे जाएंगे।
ईरान में शुरू से ही आर्ट और आर्टिस्ट्स पर तरह-तरह की पाबंदियां लगाई जाती रही हैं। दोनों लोग जिन्हें यह सजा सुनाई गई है पेशे से डॉक्टर हैं। दरअसल 2013 में दोनों कवियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सजा अब सुनाई गई है। दोनों कवियों की किताबों को सरकार से मंजूरी मिली हुई है। 2013 में हसन रूहानी के राष्ट्रपति बनने के कुछ महीने बाद ही इन दोनों को अरेस्ट किया गया था।
साहित्य और अभिव्यक्ति की आजादी का प्रचार करने वाले संगठन फ्री एक्सप्रेशन प्रोग्राम के डायरेक्टर कारिन कारेलकर ने कहा, मुझे लगता है कि ईरान ज्यूडिशरी हमेशा ऐसे केस के इंतजार में रहती है, जिसमें सख्त से सख्त सजा देकर समाज को एक कड़ा संदेश दिया जा सके।
अपोजिट जेंडर से सिर्फ हाथ मिलाने पर इतनी कड़ी सजा का मिलना कहीं से भी सही नहीं लगता। हर देश के कुछ कायदे कानून होते हैं, लेकिन अगर बाकी राष्ट्रों से इसकी तुलना करें तो ऐसी सजा किसी इंसान पर हो रहा अत्याचार ही प्रतीत होती है।