वैसे तो फोटोग्राफर का काम सिर्फ तस्वीरें खींचने का ही होता है चाहें वे तस्वीरें किसी भी व्यक्ति का वस्तु की ही क्यों न हों पर आज हम आपको एक ऐसे फोटोग्राफर के बारे में बता रहें हैं जो सिर्फ मृत लोगों की ही तस्वीरें खींचता है यानि यह फोटोग्राफर सिर्फ मुर्दा लोगों की ही तस्वीरें खींचता है। आइए जानते है इस फोटोग्राफर के बारे में।
इस शख्स का नाम है सुनील शर्मा, ये जमशेदपुर के भुइयांडीह स्थित ह्यूमपाइप नामक बस्ती के निवासी हैं। इन्होंने अपना पेशा बनाया है मृत लोगों की तस्वीरें खींचने का ।असल में पहले समय में कोई भी फोटोग्राफर पैसे लेकर भी मृत व्यक्ति की फोटो खींचने को तैयार नहीं होता था, ऐसे में सुनील शर्मा ने मृत लोगों की तस्वीरें खींचने के कार्य की शुरुआत आज से 21 साल पहले 1995 से की थी। उन्होंने इसको ही अपना व्यवसाय बनाया और समय के साथ उनका यह कार्य चल निकला। पिछले 21 सालों में सुनील कुमार का फ़्लैश सिर्फ मृत लोगों के फोटो लेने के लिए ही चमका है।
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समय अब 21 साल पहले जैसा नहीं रहा, ऐसे में सुनील शर्मा ने भी अपने कार्य को वक्त के अनुरूप बदल लिया है, असल में पहले के समय में रील वाले कैमरे होते थे, जिनके फोटो धूल कर आने में समय लगता था पर अब सुनील के पास डिजिटल कैमरा और डिजिटल प्रिंटर भी है, जिसके कारण अब सुनील जल्दी ही फोटोज को मुहैया करा देते हैं। सुनील कहते है की बहुत से लोग अपने मृत परिजनों की फोटोज लेने के लिए आते भी नहीं हैं और जब काफी समय तक कोई नहीं आता है तो वह उन फोटोज को नदी में बहा देते है। सुनील के इस व्यवसाय को डिजिटल फोन ने काफी नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि अब लोग फोन से ही फोटो खींच लेते हैं। पर आज भी सुनील प्रत्येक अर्थी का एक फोटो जरूर लेते है और उस फोटो को 6 महीने तक सुरक्षित भी रखते है ताकि यह आखरी तस्वीर किसी की यादों पर फिर से मरहम का काम कर जाए लेकिन जब 6 महीने तक कोई उस तस्वीर को लेने के लिए नहीं आता तो वह उस फोटो को अपने कैमरे से डिलीट कर देते है।