‘पा’ की कहानी दिखी असल जीवन में

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बुढ़ापा किसी को भी पसंद नहीं होता। हर कोई चाहता है कि वो हर समय जवान ही रहे, लेकिन प्रकृति का यह नियम है कि हम एक दिन बूढ़े जरूर होंगे और उसे कोई भी नहीं रोक सकता। बुढ़ापा जब भी आता है तो अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लेकर आता है, लेकिन क्या हो अगर किसी का बुढ़ापा बचपन में ही आ जाए। जो समय बच्चों के खेलने कूदने का होता है, उस समय अगर किसी को बुढ़ापे की समस्या को झेलना पड़े तो इससे ज्यादा कष्ट की बात और क्या हो सकती है।

झारखंड की राजधानी रांची में दो भाई बहन कुछ इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। कहने के लिए अंजलि आठ साल की और केशव 20 महीने का है, लेकिन दिखने में दोनों 60-70 के बुजुर्ग की तरह लगते हैं। उनका इस तरह दिखने का कारण आनुवांशिक विकार प्रोजेरिया नामक बीमारी है। आप सभी ने ‘पा’ फिल्म तो देखी ही होगी, जिसमें अमिताभ बच्चन को भी यही बीमारी होती है।

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इन दोनों ही बच्चों को जन्म से आनुवांशिक विकास प्रोजेरिया की समस्या है, जिसके कारण वो बूढ़े लगते हैं। इन दोनों ही बच्चों के चेहरे पर झुर्रियां हैं तथा चेहरे पर सूजन भी है। इतना ही नहीं इन्हें जोड़ो में दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। अपनी बीमारी से तो यह दोनों बच्चे जैसे-तैसे जी ही रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी इन्हें इस समाज में रहने में आती है। अंजलि तीसरी कक्षा में पढ़ती है, लेकिन उसे अपना स्कूल बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता क्योंकि वहां उसे सभी बच्चे बूढ़ी औरत कहते हैं।

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केशव और अंजलि के माता-पिता रिंकी देवी तथा शत्रुघ्न रजक दोनों ही कपड़े धोकर हर महीने 4500 रुपये तक ही कमा पाते हैं। रिंकी देवी तथा शत्रुघ्न रजक की तीसरी बेटी की हालत भी ठीक नहीं रहती है। रिंकी देवी तथा शत्रुघ्न रजक ने कई डॉक्टरों से अपने बच्चों की बीमारी के बारे में बात की है, लेकिन उन्हें ठीक कर पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। इसके बाद भी रिंकी देवी तथा शत्रुघ्न रजक ने हार नहीं मानी है। उनका कहना है कि वो उनके बच्चे हैं तथा वो उन्हें कभी नहीं छोड़ेंगे और ना ही ये बच्चे उन पर भार हैं।

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