नेपाल सरकार ने मानी मधेशियों की सभी मांगें

0
293

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में नेपाल सरकार मधेशियों की मांगों को पूरा करने के लिए संविधान में बदलाव करने को राजी हो गई है। इस बैठक में तीन बड़े दलों सत्ताधारी यूसीपीएन माओवादी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल और मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के नेताओं के साथ मिल कर इस संबंध में संसद में विधेयक लाने का फैसला किया गया है।

nepal agree to change the constitutionImage Source: http://america.aljazeera.com/

यूसीपीएन माओवादी के उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया है कि मधेशी दलों से सलाह मश्वरे के बाद विधेयक लाया जाएगा।

सूत्रों से पता चला है कि इस बैठक में थापा ने भारतीय राजदूत का ध्यान नेपाल में मानवीय संकट की ओर भी दिलाया, जो भारत से लगती सीमा पर प्रमुख व्यापारिक केंद्रों पर तराई के मधेशियों द्वारा की गई नाकेबंदी की वजह से पैदा हो रही हैं। यह आन्दोलन नए संविधान के प्रावधानों के विरोध में हो रहा है, जो उनकी गृह भूमि को बांटता है। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगें भी हैं। खबरों की मानें तो इस आंदोलन की समाप्ति के लिए सत्ताधारी व विपक्षी दलों ने मधेशी दलों से अलग-अलग बात की है।

nepal agree to change the constitution.Image Source: http://ichef-1.bbci.co.uk/

सप्तारी जिले में रविवार को राजमार्ग से जबरन नाकेबंदी हटाने की कोशिश के दौरान पुलिस गोलीबारी में चार मधेशी प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। इसके बाद से आंदोलन समाप्त कराने को लेकर सरकार दबाव में है। इस घटना के बाद तीन महीने से ज्यादा समय से चल रहा संविधान विरोधी आंदोलन फिर से हिंसक हो गया है। आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने कहा है कि ‘हमने राजमार्ग के किनारे और सीमा के निकट के इलाकों में सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं ताकि प्रमुख राजमार्गों को खाली कराया जा सके और मालवाहक वाहनों व दूसरी गाड़ियों का आवगमन हो सके।’ उन्होंने यह भी बताया है कि ‘सरकार ने पुलिस सशस्त्र पुलिस बल और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत तैनात करने का फैसला किया है।’

nepal agree to change the constitution2Image Source: http://www.aljazeera.com/

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here