दुनिया भर में प्रकृति कई रंग लिए हुए है। इसके विभिन्न रंग जहां एक ओर व्यक्ति को आत्मिक शांति प्रदान करते हैं तो वहीं दूसरी ओर वह अपने भीतर कई रहस्य भी छिपाए हुए होते हैं। पिछले कई दशकों से लाल रंग की होने वाले खूनी बारिश से लोगों में इसके कारणों को जानने की बहुत ही तीव्र इच्छा है। इस कारण ही आज हम खूनी बारिश के होने के पीछे के वैज्ञानिक कारण आपके सामने लेकर आए है।
खूनी बारिश लोगों के लिए एक कौतुहल का विषय है। कई बार लोग इस खूनी बारिश को दैवीय आपदा से भी जोड़कर देखते हैं। वहीं कुछ लोग इस लाल रंग की खूनी बारिश के पीछे वैज्ञानिक कारणों को जानने के लिए उत्सुक रहते है। वैसे इस तरह की बारिश से डरने की आवश्यकता नहीं होती है। प्राकृतिक घटना के रूप में इस तरह की बारिश को देखा जा सकता है।
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इस विषय की गंभीरता को देखते हुए आज हम आपको इस लाल रंग की बारिश के विषय में कुछ वैज्ञानिक तथ्य बताने जा रहें हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो इस तरह की लाल रंग की बारिश होने के लिए एक विशेष प्रकार का कवक जिम्मेदार होता है। इस कवक का नाम होता है अल्गा। बारिश से पेड़ों की गीली हुई टहनियों में यह कवक उगता है। इसी कवक के बीजाणु होते है, जिन्हें आंखों से देख पाना मुश्किल होता है। यह हवा में उड़ते रहते हैं और यही बीजाणु बारिश होने के दौरान लाल रंग को छोड़ते है। जिस कारण से पूरा वातावरण लाल रंग का हो जाता हैं। इस लाल रंग की बारिश के लिए वर्ष 2013 में एक फिजियो जिनेटिक्स और इवोल्युशनरी बायोलॉजी में एक पूरी विस्तार से रिपोर्ट छपी थी। इसमें बताया गया था कि यह कवक सेंट्रल यूरोप और ऑस्ट्रिया में पाए जाते है। इनको भारत के केरल और श्रीलंका के वनों में भी देखा गया है।