सबसे पहले हम आपको बता दें कि जो फिल्में, टीवी ऐड आदि पब्लिक को दिखाए जाते हैं, उन सभी को सर्टिफिकेट देने का कार्य सेंसर बोर्ड करता है। सेंसर बोर्ड अलग अलग फिल्मों के हिसाब से अलग शब्द लिखें सर्टिफिकेट देता है। जब सेंसर बोर्ड अपना सर्टिफिकेट दे देता है। तभी फिल्म को रिलीज किया जाता है। सेंसर बोर्ड” मिनिस्ट्री ऑफ इंर्फामेशन एंड ब्राडकास्ट” के अंतर्गत कार्य करता है। सेंसर बोर्ड यानि CBFC के कानून काफी सख्त हैं इसलिए वह दुनिया के तमाम बोर्ड में से एक ताकतवर बोर्ड माना जाता है। आपने अब तक बहुत सी फिल्में देखी होंगी। आपको ध्यान होगा कि फिल्में शुरू होने से पहले एक फिल्म सर्टिफिकेट को दिखाया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि उसका मतलब क्या होता है। आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं। आइये जानते हैं इस बारे में।
1 – इस प्रकार के सर्टिफिकेट का मतलब यह होता है कि इस फिल्म को हर उम्र का व्यक्ति देख सकता है।
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2 – इस प्रकार के सर्टिफिकेट का मतलब होता है कि इस फिल्म को एक विशेष क्लास जैसे डॉक्टर अथवा वैज्ञानिक ही देख सकते हैं।
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3 – इस प्रकार के सर्टिफिकेट की फिल्मों में कुछ यौन सम्बंधित सामग्री, हिंसात्मक दृश्य तथा अश्लील भाषा हो सकती है।
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4 – फिल्म का यह सर्टिफिकेट यह दर्शाया है कि सेंसर बोर्ड के किन किन सदस्यों ने फिल्म को जांचा है।
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5 – इस सर्टिफिकेट में यह दर्शाया गया है कि इस फिल्म को सिर्फ 18 वर्ष से ऊपर के लोग देख सकते हैं। इस प्रकार से अलग अलग सर्टिफिकेट अलग अलग केटेगिरी की फिल्मों को दिए जाते हैं।