पीओके में भारतीय सेना: कहर 3 किमी तक और असर 300 किमी तक

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सर्जिकल स्ट्राइक शब्द वर्तमान में बहुत ट्रेंड कर रहा है और इसका कारण है भारत की और से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के कई कैंप उड़ा देना। इससे जहां पाक बुरी तरह बौखला गया है वहीं दूसरी और भारत को कई अन्य देशों का इस कार्य में समर्थन मिला है। जैसा की आपको पता होगा कि कुछ समय पीला ही पाक के आतंकियों ने कश्मीर के उड़ी नामक स्थान पर अचानक हमला कर भारत के 18 जवानों को शहीद कर दिया था और इसके बाद में भारत की केंद्र सरकार के ऊपर काफी दबाव बढ़ गया था वहीं दूसरी और इस्लामाबाद में होने वाले शार्क सम्मलेन में जानें से भारत ने इसी वजह से मना कर दिया था। शार्क सम्मलेन में भारत के न जाने की वजह से अन्य चार देशों ने भी वहां जाने से मना कर दिया और इसके बाद में पाक का शार्क सम्मलेन रद्द हो गया। इसी बीच भारत द्वारा POK पर की गई यह सर्जिकल स्ट्राइक ‘उड़ी’ हमले का बदला ही कही जा रही है। इसको लेकर जहां मीडिया काफी प्रभावित हुई है वहीं दूसरी और सोशल मीडिया पर भी इसके बड़े लेवल पर चर्चे हुए हैं।

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इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बहुत से देशों का समर्थन भारत को मिला है वहीं दूसरी और विपक्षी पार्टियों ने भी केंद्र सरकार के इस कार्य की सराहना की है। विपक्ष के अलावा अन्य राज्यों की सरकारों ने भी भारतीय सेना और केंद्र सरकार की प्रशंसा की है। इस सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा असर उन सैनिकों के परिवार वालों पर देखने को मिला जिन्होंने अपने परिजनों को उड़ी आतंकी हमले में खो दिया था। कई प्रकार के मीडिया चैनलों और कई पत्र-पत्रिकाओं ने शहीद सैनिकों के घरवालों से बातचीत कर उनके वर्तमान अहसास को जनता तक पहुंचाया है। अब हम आपको कुछ ऐसे पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा लिखें आलेखों की कुछ विशेष लाइनों से परिचित करा रहें हैं ताकि आप समझ सकें कि अपने देश के मीडिया का इस सर्जिकल स्ट्राइक पर कैसा नजरिया रहा है।

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  1.  द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को काफी सकारात्मक नजरिये से देखा है इसलिए उन्होंने लिखा है कि “पाक ने हद पार की, भारत ने नियंत्रण रेखा।”, आगे लिखते हैं कि “1971 के बाद ये पहला मौका है जब भारत ने खुले तौर पर नियंत्रण रेखा को पार किया है।”
  2.  दैनिक भास्कर ने भी सेना के समर्थन में लिखा है कि “देश ने चाहा, सेना ने कर दिखाया; पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा।”
  3.  द हिन्दू अखबार ने एक अलग ही खबर देते हुए ही इस स्ट्राइक के प्रभाव को दिखाया है, इस अखबार में लिखा है कि “राजस्थान में अजमेर के मेयो कॉलेज ने पाकिस्तान में लाहौर के एटचिशन कॉलेज के साथ खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए होने वाले छात्रों के आदान प्रदान को रद्द कर दिया है।”
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इस प्रकार से देखा जाए तो मीडिया ने भी इस कार्यवाही को सकारात्मक कहा है, वहीं विपक्ष व अन्य राज सरकारों द्वारा की गई भारतीय सेना तथा केंद्र सरकार की प्रशंसा भी इस कार्यवाही पर समर्थन की मुहर लगाती है, दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को इस कार्यवाही के लिए कई देशों ने अपना समर्थन दिया है। इन सभी से यह साबित होता ही है कि भारत की ओर से मात्र 3 किमी अंदर जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का प्रभाव काफी विस्तृत हुआ है, वहीं आज भी कुछ लोगों का नजरिया काफी अलग है, खैर जो भी हुआ है उसके बारे में हर व्यक्ति को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है।

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