इन गांवों में चीते और लोगों के बीच है दोस्ती का रिश्ता

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देखा जाये तो अपने देश में ऐसी कई बातें आपको दिखाई पड़ जाएंगी जो बहुत ही रोचक और रोमांचक होती हैं। आज हम आपको कुछ इसी प्रकार की बातों से रूबरू करा रहे हैं। सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा पर यह सच है कि कुछ गांवों के लोग खतरनाक चीतों के साथ दोस्त की तरह रहते हैं। इन गांवों के लोगों और चीतों के बीच दोस्ती का रिश्ता है।

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उदयपुर (राजस्थान) के ये गांव हीरोला, चामुंडेरी, वैलार, लूंदाणा जवाई लैपर्ड कंजर्वेशन के तहत चीतों की गुफाओं से ही घिरे हुए हैं। आश्चर्य की बात है कि इस गांव के लोग चीतों से बिल्कुल घबराते नहीं, बल्कि उनके साथ दोस्त की तरह रहते हैं।

गांव के लोगों की मानें तो पिछले 20-25 सालों में ऐसी एक भी घटना नहीं घटी है जब किसी चीते ने इंसान का शिकार किया हो। यहां की पहाड़ी गुफाओं में नर-मादा दोनों ही चीते अपने बच्चों के साथ रहते हैं। यदि कभी कोई चीता किसी राहगीर को मिल भी जाता है तो चीता अपने रास्ते चलता रहता है और राहगीर अपने रास्ते। यहां पर बहुत से घर आपको चीतों की गुफाओं से कुछ ही दूरी पर बने मिल जाएंगे। बहुत से बच्चे आपको इन चीतों की गुफाओं के आस-पास घूमते या खेलते मिल जाएंगे। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि ये चीते उनको किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, बल्कि ये तो उनके दोस्त जैसे ही हैं।

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पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हैं ये गांव-
इस इलाके के आस-पास तीन होटल हैं। बहुत से पर्यटक जो यहां रुकते हैं वो इन चीतों को देखने के लिए अपने आधुनिक उपकरणों के साथ यहां पहुंच जाते हैं और आजादी से घूमते हुए चीतों को देख आनंद उठाते हैं।

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