वैसे तो हमारे देश में ऐसे कई भवन और किले मौजूद हैं जिनसे कई प्रकार की रहस्यमय बातें जुड़ी हुई हैं। इसी क्रम में आज हम आपको महाराष्ट्र के एक ऐसे ऐतिहासिक कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको दुनिया का सबसे सुन्दर कुआं कहा जाना चाहिए। इस कुएं की शिल्पकला महाराजा शिवाजी के समय की है और इस कुएं के अंदर एक सुन्दर महल का निर्माण भी किया गया है। कहा जाता है कि इस कुएं का पानी कभी नहीं सूखता है।
क्या है इस कुएं का नाम –
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यह कुआं सातारा जिले के लिमव गांव में स्थित है, जो कि महाराष्ट्र राज्य के अन्तर्गत आता है। इस प्राचीन और सुन्दर कुएं का नाम ‘बारामोटेची विहीर’ है। ऐसा माना जाता है कि इस कुएं का पानी कभी नहीं सूखता है। इस कुएं को देखने पर यह किसी शिवलिंग की तरह नजर आता है। यह कुआं अष्टकोणीय बना हुआ है। इस कुएं के अंदर बने महल में आज भी प्राचीनकाल के कई सुन्दर लकड़ी के दरवाजे बने हुए हैं।
किसने कराया था निर्माण –
इस कुएं का निर्माण 1641 से 1646 के बीच श्रीमंत विरुबाईसाहेब भोसले ने कराया था। यह कुआं 110 फ़ीट गहरा है और इसका डायामीटर 50 फीट का है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इस कुएं के अंदर बना हुआ महल है, जिसमें पत्थर के कई गुप्त रास्ते हैं। ये रास्ते महल को कुएं से जोड़ते हैं। इस कुएं से 12 जल धाराएं निकलती हैं जो कि इस कुएं के पास वाले बगीचे में पानी पहुंचाती हैं। इन जल धाराओं के नाम पर ही इस कुएं का नाम ‘बारामोटेची विहीर’ रखा गया है।
कुएं की विशेषतायें –
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इस कुएं की शिल्पकारी महाराजा शिवाजी के समय की है। इस कुएं के अंदर महल बना है जिसमें 4 खम्बे हैं। इसके महल की दीवारों पर जगह-जगह शेर की प्रतिमाएं बनी हुई हैं और भगवान हनुमान व गणेश की मूर्ति भी यहां बनी हुई है। इस कुएं के अंदर बने महल में एक पत्थर का बना सिंघासन भी मौजूद है। कहा जाता है कि इस सिंघासन पर राजा बैठ कर लोगों से मिला करते थे। इस महल की बनावट इसकी सबसे बड़ी खूबी है। यह महल गर्मी के दिनों में ठंडा और सर्दियों में गरम रहता है।