ट्रेन की चादरें चुराना हो या दीवारें का सत्यानाश करना हम भारतीय बेजोड़ हैं

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हमारा भारत देश यदि अपनी संस्कृति से सभी जगह जाना जाता है तो कुछ चीजें ऐसी है जिससे बदनामी से भी जाना जाता है। जो हमारे लिये कलंक का काम करती हैं। यदि आप किसी भी सार्वजनिक पर्यटन स्थल की दीवारों पर नज़र डालेगें को आपको कई कलाकारों की छवि नजर आयेगी जो दिवारो पर थूक कर या पेशाब करके उसे कई आकारों में रंगने काम कर जाते है। इश्क मोहबत्तों की दस्तान तो आप किसी भी दीवारों पर देख सकते है। और यदि इन लोगों को कोई चीज पसंद आ जाए या किसी बात से नाराजगी हो जाए तो मान लें उसकी सुंदरता पर ग्रहण लगना तय है, या तो वह पत्थर से तोड़ दी जाती है या फिर उसे नेस्तनाबूत कर दिया जाता है। और चिप्स से लेकर पानी और शीतल पेय की बोतलें तो आपको हर गली-मुहल्ले से लेकर किसी भी रास्ते में पड़ी हुई देखी जा सकती है। और यदि जहां पेशाब करने से मना होगा वहां का तो हाल ही बेहाल होगा। ये सब आज के समय में कहीं भी आसानी से देखा जा सकता है। ट्रेन और फ्लाइट में भी इन खास प्रजाति के लोगों की मेहरबानी सबसे ज्यादा बनी रहती है।

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हम इस लेख में आज आपको कुछ ऐसे ही नायाब लोगों की हरकतों से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़ कर किसी भी  भारतीय का सर शर्म से झुक सकता है।

1. यात्रीगण कृपया सरकारी संपत्ति को चोरी से बचाएं

यात्रीगण कृपया सरकारी संपत्ति को चोरी से बचाएं

भारतीय रेल को अगर चोरों का सॉफ़्ट टारगेट कहें तो ये कहना गलत नहीं होगा। हैरानी इस बात की है कि ये चोरी करने वाले ये कलाकार किसी पड़ोसी मुल्क के नहीं बल्कि ये अपने ही मुल्क के लोग अपनी ही संपंती को लूट रहे है। भारतीय रेल हमारी अपनी संपंती है पर ये लोग इस संपंती को लूटने में कोई कलर नही छोड़ते। अगर वेस्टर्न रेलवे की माने तो बीते साल लॉन्ग रूट की ट्रेनों में से करीब 1.95 लाख तौलिये और 81,736 चादरें व 55,573 तकियों की खोली एवं 5,038 तकिये गायब हुये इतना ही नहीं करीब 7,043 कंबल, 200 टॉयलेट मग, 1000 नल केप और 300 से ज़्यादा वॉशरूम में लगे फ़्लश पाइप चोरी किए गए हैं।

2. कॉमनवेल्थ की चमक को लगाया बट्टा

कॉमनवेल्थ की चमक को लगाया बट्टा

साल 2010 किसे याद नहीं होगा, ये वो साल था जब दिल्ली को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया था, दिल्ली को सजाने-संवारने के लिए विदेशों से करोड़ों रुपयों का साजो-सामान खरीदा गया था, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स के ख़त्म होते ही चोरों ने दिल्ली की चमक पर मानों बट्टा लगा दिया। कई जगह तो ऐसी हैं जहां से रातों रात बेश क़ीमती सामान गायब कर दिया गया, आज कॉमनवेल्थ गेम्स को हुए महज 8 साल ही हुए हैं लेकिन आलम ये है कि ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ की हर निशानी को नेस्तनाबूत कर दिया गया है।

3. चोरों ने ‘तेजस एक्सप्रेस’ की स्पीड को चोरी में दी मात

 चोरों ने 'तेजस एक्सप्रेस' की स्पीड को चोरी में दी मात

24 मई, 2017 को बीते हुए अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है जब तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हाईस्पीड ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ को मुंबई से गोवा के लिए हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था, लेकिन विडंबना ही कहेंगे कि इस ट्रेन की पहली यात्रा ही मनहूस साबित हुई। मुसाफिरों ने ट्रेन कीखूबसूरती को गड़ा झटका दिया, ट्रेन में लगे शानदार शीशे तोड़ दिए, एलईडी स्क्रीन्स पर बड़े बड़े स्क्रेच मार दिए, हेडफ़ोन्स गायब कर दिए, सीटों को भी नहीं बख्शा उनमें छेद कर दिए, ट्रेन के स्वचलित दरवाज़े हैं जिन्हें नुकसान पुहुंचाया, हर सीट पर लगी 9 इंच की एलईडी के साथ हेडफ़ोन्स, टी-कॉफ़ी बनाने वाली मशीन, टच फ़्री पानी की मशीन के साथ वैक्यूम बायो टॉयलेट जैसी सुविधायें थी जिन्हें भारी नुकसान पहुंचाया।

4. हिमालय पर भी गंदगी से बाज नहीं आए..

 हिमालय पर भी गंदगी से बाज नहीं आए

शायद कुछ महीने पहले की वो हिमालय की तस्वीर जो 13,050 फ़ीट की ऊंचाई से ली गई थी, वो आप भूले नहीं होंगे, ‘रोहतांग पास’ से कुछ भयानक तस्वीरें दुनिया के सामने आई थीं, पर्यटकों ने प्लास्टिक और कूड़ा-करकट फ़ैलाकर हिमालय की इन पर्वत श्रृंखलाओं को कचरे का ढेर बना दिया था। अपनी थोड़ी सी मौज के लिए लोगों ने यहां चिप्स के पैकेट, प्लास्टिक की बोतलें और बियर के केन तक फेंके जिससे रोहतांग दर्रे के आसपास के वातावरण पर प्लास्टिक के प्रदूषण का खतरा बन गया है।

5. एक्सप्रेस-वे की रफ्तार को मात देते चोर

 एक्सप्रेस-वे की रफ्तार को मात देते चोर

बीती 27 मई 2018 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ईस्टर्न पेरेफ़ेरल एक्सप्रेस-वे’ का लोकार्पण किया था, लेकिन कुछ ही दिन बीते होंगे कि एक्सप्रेस-वे से क़ीमती सोलर प्लेट समेत कई महंगे उपकरण चोरी कर लिए गए, जनता की सुविधा के लिए जो महंगे उपकरण विदेशों से मंगाए गए थे चोरों ने न सिर्फ उनको चुराया बल्कि कौड़ियों के मोल कबाड़ में बेच भी दिया. ‘ईस्टर्न पेरेफ़ेरल एक्सप्रेस-वे’ दिल्ली-एनसीआर को जोड़ने व दिल्ली को जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के मकसद से बनाया गया।

6. ‘महामना एक्सप्रेस’ से नल की टोंटी हुई गायब..

 'महामना एक्सप्रेस' से नल की टोंटी हुई गायब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में अड़े हैं, लेकिन चोर उनकी योजनाओं पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. 22 जनवरी 2016 के दिन प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से नई दिल्ली के लिए चलने वाली ‘महामना एक्सप्रेस’ को झंडी दिखा कर रवाना किया, लेकिन कुछ ही दिन बाद इस ट्रेन की हालत देखने लायक हो गई। यात्रियों ने ट्रेन के नल की टोंटी के साथ कई अन्य सामान भी चोरी कर लिए।

7. फ़ोन चार्ज करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं लोग

फ़ोन चार्ज करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं लोग

अभी बीते दिनों मुंबई से कोलकाता जाने वाली इंडिगो की फ़्लाइट संख्या 6E-395 में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक यात्री नशे में टल्ली हो कर फ़ोन चार्ज करने के लिए पायलेट के पास कॉकपिट में घुसने की कोशिश की, फ़्लाइट अटेंडेंट्स ने उसे कई बार रोका लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं था, ये देख कर कैप्टन ने सुरक्षा की दृष्टि से उसे फ़्लाइट से उतारकर मुंबई पुलिस के हवाले सौंप दिया, गनीमत ये रही कि उसके ख़िलाफ़ कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं कराई गई।

8. विदेशी मेहमानों से बदसलूकी

विदेशी मेहमानों से बदसलूकी

ये बात है साल 2012 की जब उदयपुर-खजुराहो इंटरसिटी एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रही विदेशी महिला विक्टोरिया के साथ कुछ लोगों ने छेड़छाड़ की, इतना ही नहीं उन्होंने विक्टोरिया का पर्स छीना और चंपत हो गए उस पर्स में पासपोर्ट, पांच हजार रुपये व दूसरे क़ीमती सामान थे, लेकिन अफसोस इस बात की है कि ट्रेन में सवार किसी सहयात्री ने भी विक्टोरिया की मदद नहीं की।

9. हवाई टिकट के साथ फ्लाइट अटेंडेंट को भी समझते हैं अपनी प्रॉपर्टी

 हवाई टिकट के साथ फ्लाइट अटेंडेंट को भी समझते हैं अपनी प्रॉपर्टी

फ्लाइट में आए दिन सुनने को मिलता है कि यात्रियों ने फ़्लाइट अटेंडेंट्स के साथ अभद्रता की, ये बात अब कॉमन सी होती जा रही है, जिसे देखो वो फ़्लाइट अटेंडेंट्स को अपनी जागीर समझ कर कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। कुछ फ़्लाइट अटेंडेंट ने अपने बुरे अनुभवों को हमारे साथ साझा किया, उन्होंने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना के बारे में बताया कि ‘अगर किसी पुरुष यात्री को फ़्लाइट अटेंडेंट पसंद आ जाये तो उसे बार-बार कॉल बेल बजाकर बुलाने की कोशिश करते हैं, चाय देते वक़्त कई लोग तो हाथ भी छूने की कोशिश करते हैं जो बेहद शर्मनाक है।

10. मनपसंद सीट के लिए झपटते हैं भारतीय सबसे ज्यादा

मनपसंद सीट के लिए झपटते हैं भारतीय सबसे ज्यादा

‘ग्लोबल फ़्लाइट एंड होटल एटिकेट’ के एनुएल सर्वे की माने तो फ़्लाइट में अपने पार्टनर के साथ सीट एक्सचेंज करने के हमारे इंडियन सबसे आगे हैं। तेज अवाज में गाने सुनना और सुनना भी आम है, आगे बैठे यात्री की सीट पर पैर रखना तो कोई इनसे सीखे, अतिथि देवो भव की परंपरा वाले देश में अतिथियों से दुर्व्यवहार करने में भी भारतीय टॉप पर हैं।

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