अपने देश में वैसे तो बहुत से ऐसे स्थान हैं जो धार्मिकता और पवित्रता से भरे हुए हैं, पर आज हम आपको जिस स्थान के बारे में बता रहें हैं वह अपने में खास है। जी हां, आज हम आपको अपने देश एक ऐसे स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं जहां जाने के बाद आप प्रकृति का वह खूबसूरत रूप देखेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। यह स्थान है भारत के मध्य प्रदेश का अमरकंटक। देखा जाएं तो मध्य प्रदेश में अनेक घूमने के स्थान है, पर यह एक ऐसा स्थान है जहां आपको धर्म की शांति तथा प्रकृति की खूबसूरती दोनों ही एक साथ उपलब्ध होती हैं।
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आपको हम यह भी बता दें कि अमरकंटक नामक यह स्थान भारत की दो बड़ी नदियों “सोन तथा नर्मदा” का उद्गम स्थल भी है। अमरकंटक पहाड़ी क्षेत्र में वसा हुआ है और अपने में प्राकृतिक संपदा समेटे हुए है। इस स्थान पर आपको खदानें भी मिलेगी और झरने भी। यहां आपको मंदिर भी मिलेंगे और सुंदर आश्रम भी। अमरकंटक से एक और नदी निकलती है जिसका नाम “जोहिला” है। इस स्थान पर आप सोन नदी को 100 फिट की ऊंचाई से झरने के रूप में नीचे गिरते हुए देख सकते हैं। अमरकंटक के इस इलाके में काफी मंदिर, आश्रम तथा गुफाएं हैं, जहां आप बहुत से लोगों को ईश्वर का ध्यान लगाते हुए देख सकते हैं। अमरकंटक के जंगली क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यह पूरा जंगल कई जड़ी-बूटियों से भरा हुआ है।
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कालिदास जब इस स्थान पर आये थे, तब इस स्थान को देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गए थे। उनके अमर ग्रंथ “मेघदूत” के बादल इसी अमरकंटक के ऊपर से गुजरते महसूस होते हैं। पर्यटकों के लिए यहां पर नर्मदाकुंड मंदिर, कबीर चबूतरा, कलचुरी काल आदि स्थान हैं। आपको बता दें कि जैन धर्म के पहले तीर्थकर भगवान आदिनाथ ने इस स्थान पर आकर तप किया था। यह स्थान कबीर पंथियों को भी बहुत प्यारा है। कबीर चबूतरे के नीचे की एक झरना बहता है जिसका पानी सूरज निकलते ही सफेद दूध के जैसा हो जाता है। अमरकंटक में धुनी पानी अर्थात् गर्म पानी का एक झरना भी है। माना जाता है कि इस झरने में नहाने पर शरीर की सभी बीमारियां खत्म हो जाती है।