देश के कई राज्यों के कुछ हिस्सों में पानी की काफी समस्या देखी जा रही है। काफी समय से महाराष्ट्र के लातूर और यूपी के बुंदेलखंड के लोग सूखे से बेहद परेशान हैं। सूखे की इस स्थिति को देखकर सरकार इन इलाकों में पानी के टैंकर भेज कर मदद पहुंचा रही है। इन स्थितियों को देखते हुए हरियाणा की राज्य सरकार पहले से सतर्क होकर पानी के बचाव के लिए अनोखा कदम उठाने की तैयारी में है। अब हरियाणा में लोगों के पानी की बर्बादी करने से पहले दो बार सोचना होगा। हरियाणा सरकार एक नया कानून लाने की जद्दोजहद में लगी है।
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हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर ने कहा कि राज्य सरकार ने पानी बर्बाद करने के खिलाफ एक कानून लाने का प्रस्ताव रखा है। जिसके मुताबिक पानी बर्बाद करने पर 3 महीने की सजा या फिर 10 हजार का जुर्माना लग सकता है। उन्होंने आगे कहा कि पीने के पानी को बर्बाद करने वालों के लिए सख्त से सख्त कानून लाया जाएगा।
मंत्री का कहना है कि सड़क पर पानी के बहाव से ग्रामीणों और दुकान मालिकों को नुकसान पहुंचता है। कानून के आने के बाद एक बाल्टी पानी भी बर्बाद करने पर भी सजा का सामना करना पड़ सकता है। पीडब्लूडी मंत्री राव नरबीर का कहना है कि हरियाणा में पहली बार जर्मन तकनीक के पैटर्न पर सड़कों के निर्माण के लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने का भी फैसला लिया गया है।
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गौरतलब है कि हरियाणा के सीएम मनोहार लाल खट्टर हाल ही में पानी की बर्बादी को लेकर विवादों में फंस चुके हैं। दरअसल यमुनानगर में सीएम खट्टर के लिए अस्थायी हेलीपैड बनवाया गया था जिसके चलते हजारों लीटर पानी की बर्बादी हुई थी। वहीं अब अगर हरियाणा में पानी को लेकर कोई सख्त कानून बना तो ये नया कदम राज्य की प्रगति में मददगार साबित हो सकता है। वहीं अगर ऐसा कानून पूरे देश में लागू हो जाए तो पानी संकट के समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।